Agriculture Tips: मिर्ची में तेजी से फैल रहा ये रोग, मिनटों में बर्बाद हो रही फसल, जानें बचाव का उपाय

Agriculture Tips: मिर्ची में तेजी से फैल रहा ये रोग, मिनटों में बर्बाद हो रही फसल, जानें बचाव का उपाय


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Chilli Farming: मिर्च फसल पर थ्रिप्स कीट का प्रकोप देखा जा रहा है, जो पत्तों और फूलों को नुकसान पहुंचाकर पूरी फसल बर्बाद कर सकता है. आज एक्सपर्ट से कुछ उपायों के बारे में जानेंगे. (रिपोर्ट:दीपक पांडे/खरगोन)

मध्य प्रदेश का खरगोन जिला लाल तीखी मिर्च के उत्पादन के लिए देशभर में मशहूर है. यहां की मिर्च की डिमांड विदेशों तक रहती है, लेकिन इस समय मिर्च की फसल पर थ्रिप्स नामक कीट का गंभीर प्रकोप देखा जा रहा है. यह कीट पौधों के पत्तों और फूलों को नुकसान पहुंचाकर पूरी फसल चौपट कर देता है. अगर समय पर इसका नियंत्रण नहीं किया गया, तो किसान बड़ी हानि झेल सकते हैं.

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उद्यानिकी विभाग के उप संचालक केके गिरवाल ने बताया कि सबसे पहले खेत की सफाई और खरपतवार नियंत्रण जरूरी है. खेतों में बार-बार निदाई-गुडाई करने से मिट्टी में छिपे थ्रिप्स के प्यूपा नष्ट हो जाते हैं. खेत में बारिश का जमा पानी बिल्कुल न रुकने दें और पौधों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए संतुलित मात्रा में खाद और उर्वरकों का उपयोग करें.

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थ्रिप्स अक्सर पौधे के ऊपरी भाग पर रहते हैं. ऐसे में संक्रमित प्ररोहों को तोड़कर नष्ट करना चाहिए. अगर पौधा ज्यादा संक्रमित हो, तो उसे उखाड़कर मिट्टी में दबा दें या जला दें. सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर प्रणाली अपनाना ज्यादा लाभकारी है, क्योंकि पानी की बौछार से थ्रिप्स की वृद्धि और प्रकोप रुक जाता है.

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विशेषज्ञों का कहना है कि जैविक नियंत्रण के लिए नीम आधारित एजाडिरेक्टिन (3000 PPM) का 2 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. रासायनिक दवाओं का उपयोग भी स्थिति के अनुसार करें. दवा का छिड़काव करते समय स्टिकर और स्प्रेडर मिलाना जरूरी है, ताकि पूरा पौधा दवा से ढक सके.

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अगर प्रकोप बहुत ज्यादा हो जाए तो फिप्रोनिल 5%, एससी की 2 मिली प्रति लीटर पानी या साइंट्रानिलिप्रोएल 10.26%, ओडी की 1.5 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. ध्यान रखें कि एक ही दवा बार-बार न दोहराएं. एक सप्ताह बाद दवा बदलकर दोबारा छिड़काव करना चाहिए. पावर स्प्रे पम्प या बूम स्प्रे पम्प से दवा छिड़कना ज्यादा असरदार होता है.

पौधों पर दवाइयों का छिड़काव हमेशा पौधे के नीचे से ऊपर की ओर करना चाहिए ताकि पत्तियों और फूलों के निचले हिस्से में छिपे कीटों पर भी असर हो सके. सुबह 11 बजे से पहले किया गया छिड़काव सबसे प्रभावी साबित होता है.

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विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसल की स्थिति को देखकर ही उपाय अपनाएं और अधिक जानकारी के लिए नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें.

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मिर्ची में तेजी से फैल रहा ये रोग, मिनटों में बर्बाद हो रही फसल, जानें बचाव…



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