Shams Mulani Struggle Story: भारतीय क्रिकेट में कई नाम ऐसे हैं जिन्होंने भारी संघर्ष की दुनिया से निकलकर नाम कमाया. रिंकू सिंह, हार्दिक पांड्या समेत कई बड़े नाम इस लिस्ट में शामिल हैं. हर कोई इन प्लेयर्स के संघर्ष से वाकिफ है. हम आपको ऐसे ही एक ऐसे रिकॉर्डधारी की कहानी से रूबरू कराने जा रहे हैं जिनकी मां ने अपने 5 साल के बच्चे को क्रिकेटर बनाने के लिए ऐसा संघर्ष किया कि वह अंगारों से पर चलने से कम नहीं था. शम्स मुलानी उनका नाम है जो घरेलू क्रिकेट में मुंबई के रिकॉर्डधारी हैं. शम्स एक ऐसे ऑलराउंडर हैं जो गेंद और बल्ले दोनों से धमाकेदार नजर आते हैं. मुंबई के दूसरे टॉप विकेट टेकर मुलानी ने जी न्यूज के साथ एक्सक्लूसिव में बताया कि उनके करियर में क्या उतार-चढ़ाव रहे.
मां उठाती थी दो बच्चों और किटबैग का बोझ
शम्स मुलानी ने बताया, ‘मैंने साढ़े साल की उम्र से ही ट्रेनिंग शुरू कर दी थी. फैमिली में दादा जी और पापा को क्रिकेट पसंद था. उन्होंने मेरे टैलेंट को देखा और मौका दिया. पापा छुट्टी लेकर मुझे माटुमा जमखाना क्लब ले गए जहां मुझे ले गए और वहां मुझे मेरे पहले गुरु जो अब नहीं रहे हेमंत हडकर मिले. उन्होंने पापा से कहा ये काफी छोटा है इसे बॉल लग जाएगा इसे दो साल बाद लेकर आईए. लेकिन फिर पापा ने उनसे मेरे गेम को देखने के लिए कहा. फिर उन्होंने मुझसे कहा अब रोज आना है. रोज आना काफी चैलेंजिंग था, पापा ऑफिस जाते थे. मैं, मम्मी और मेरा 2 महीने का छोटा भाई. मां किटबैग को भी उठाते थी और भाई को भी, हमें मुंबई की भीड़ से बचने के लिए समय से पहले निकलना पड़ता था. जहां मैं रहता था वह 10-15 KM की दूरी है. हम घर से दो बस बदलकर ट्रेनिंग पर जाते थे.’
2021 में टीम इंडिया से बुलावे की थी उम्मीद
शम्स मुलानी भारत के फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे ज्यादा 10 विकेट हॉल लेने में दूसरे नंबर पर हैं. मुंबई की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज रहे हैं. शम्स ने साल 2021-22 में रणजी में 6 मैच में 45 विकेट लेने का कारनामा किया था. उस दौरान उन्हें टीम इंडिया से बुलावे की उम्मीद थी. उन्होंने कहा, ‘उस दौरान मुझे लगा कि इतने विकेट लेने के बाद मेरा कुछ हो सकता है. क्योंकि शोर था. लेकिन फिर मुझे लगा एक साल परफॉर्म करने से कुछ नहीं होगा हर साल करना होगा. मैं यही कोशिश करता हूं कि हर साल ऐसे ही प्रदर्शन करता रहूं. उस समय टीम इंडिया में पहले से ही बड़े-बड़े स्पिनर्स थे.’
IPL करियर क्यों नहीं हुआ बूस्ट?
शम्स मुलानी को आईपीएल में ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला. मुंबई इंडियंस की टीम ने उन्हें 2024 में खरीदा था, लेकिन महज 2 मैच खेलने मौका मिला. मुलानी ने आईपीएल को लेकर कहा, ‘आईपीएल जरूरी है क्योंकि काफी बड़ा प्लेटफॉर्म है. लेकिन ऐसा नहीं है कि आप आईपीएल से ही टीम इंडिया में जगह बना सकते हो. हमारे पास करुण नायर और सरफराज खान जैसे उदाहरण हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में ऐसा प्रदर्शन करक दिया कि उन्हें सेलेक्ट करना ही पड़ा. जब किसी टीम के पास 25 खिलाड़ी होते हैं जिसमें 4 विदेशी खिलाड़ी भी खिलाने पड़ते हैं ऐसे में कॉम्बिनेशन में फिट होना काफी मुश्किल होता है. मेरे साथ ऐसा ही हुआ मैं कहीं न कहीं फिट नहीं हो पाया, कहीं न कहीं लिमिटेशन में फंस गया. जिस खिलाड़ी को रोल मिल जाता है और वो चमक गया तो वह स्टार बन जाता था. मेरी फेवरेट टीम भी मुंबई इंडियंस है.’
सूर्यकुमार यादव से अच्छी बॉन्डिंग
शम्स मुलानी ने अपने जिगरी सूर्यकुमार यादव के बारे में भी बात की. उन्होंने पहली मुलाकात के बारे में बताया, ‘मुश्ताक अली में मैं सेलेक्ट हुआ था. इनके सामने मैं काफी जूनियर था मैंने सोचा कि यहां चुप रहता हूं काफी बड़े लोग हैं. लेकिन वो बिग ब्रदर जैसे हैं वो खुद आपसे आप करेंगे सामने से आकर. आमतौर पर इस लेवल के खिलाड़ी सामने से आकर बात नहीं करते हैं. वो आपको खाना खाने के लिए लेकर जाएंगे, हमारी पहली मुलाकात एक मीटिंग में हुई थी. उन्होंने कहा था बता क्या खाएगा. मुझे भी लगा कि इतना बड़ा खिलाड़ी पूछ रहा है. फिर हर साल हमारा रिश्ता अच्छा रहा. उनसे काफी कुछ सीखने को मिला.’