Last Updated:
Jabalpur News: एमपी के जबलपुर में आदिवासी संग्रहालय आदिवासी समाज के लिए बेहद खास है. जहां संग्रहालय में 18वीं शताब्दी की तोप के साथ अन्य समाग्री भी मौजूद हैं, जो पिता-पुत्र की शहादत की याद दिलाती है. चलिए जान लेते हैं इसके बारे में.
यह वही संग्रहालय है, जहां पिता-पुत्र शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह को उनके बलिदान से चार दिन पहले कैद कर रखा गया था. आदिवासियों के इस म्यूजियम में प्रथम दीर्घा में गोंड जनजाति की संस्कृति, द्वितीय दीर्घा में जनजाति स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बलिदान और तीसरी दीर्घा में राजा शंकर शाह के दरबार हॉल देखने मिलता हैं.
संग्रहालय को गोंडवाना संस्कृति के अनुरूप बनाया गया है. जहां दरवाजे खिड़की से लेकर मैसूर टाइल्स और छत के लिए पत्थर की चीप का इस्तेमाल किया गया है. संग्रहालय में आदिवासियों का खानपान रहन-सहन, फोटो गैलरी से लेकर जिन वस्त्रों का इस्तेमाल आदिवासी करते हैं, यह भी देखने को मिलता है. इतना ही नहीं शॉर्ट फिल्म भी म्यूजियम में दिखाई जाती है. जहां आदिवासियों के इतिहास से लेकर आदिवासियों की स्वतंत्रता में भूमिका को प्रदर्शित किया गया हैं.
संग्रहालय में रखी तोप, जिससे राजा को उड़ाया गया
आदिवासियों के इस म्यूजियम में वह तोप भी देखने को मिलती है. जहां अंग्रेजों ने पिता-पुत्र, राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह को तोप के मुंह में बांधकर उड़ा दिया था. अब वही तोप म्यूजियम में रखी गई है. जिसे अक्सर लोग देखने आया करते हैं. म्यूजियम में प्रतिकात्मक रूप से स्वर्ग नशैनी भी देखने को मिलती है. जो गोंडवाना साम्राज्य की विरासत हैं.
बंदी घर में वजनदार लोहे के दो दरवाजे
म्यूजियम में बंदी घर भी देखने को मिलता है. जहां वजनदार लोहे का दरवाजा है, खास बात यह है इस बंदी गृह में दो दरवाजे हैं जो अलग-अलग दिशा में दोनों तरफ बंद होते हैं. यह अंग्रेज स्लीमन का मालखाना हुआ करता था. जहां पिता-पुत्र को बंद कर रखा गया था. यह म्यूजियम पूरी तरह नि:शुल्क है. जो सुबह से लेकर शाम तक आम लोगों के लिए खुला रहता है. जहां बड़ी संख्या में लोग इस म्यूजियम में गोंडवाना साम्राज्य और आदिवासियों की संस्कृति को देखने पहुंचते हैं.
Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें
Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re… और पढ़ें