यूजीसी रेगुलेशन का हवाला: बीयू में पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम बंद, नेट के आधार पर प्रवेश – Bhopal News

यूजीसी रेगुलेशन का हवाला:  बीयू में पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम बंद, नेट के आधार पर प्रवेश – Bhopal News



भोपाल के बरकतउल्ला विवि (बीयू) और इंदौर के देवी अहिल्या विवि (डीएवीवी) ने इस सत्र से पीएचडी में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम कराना बंद कर दिया है। इसके लिए विवि यूजीसी (मिनिमम स्टैंडर्ड एंड प्रॉसिजर फॉर अवॉर्ड ऑफ पीएचडी डिग्री) रेगुलेशन-2022 को आधार

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इस निर्णय ने छात्रों की परेशानी बढ़ा दी है। इसी महीने बीयू ने पीएचडी एडमिशन के लिए नया नोटिफिकेशन जारी किया है। उसमें भी नेट क्वालिफाइड को ही प्रवेश दिया जाएगा। एमवीएम के प्रोफेसर और प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष प्रो. आनंद शर्मा बताते हैं कि यूजीसी रेगुलेशन ने प्रवेश के लिए रास्ते तय किए हैं।

पीएचडी में प्रवेश राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा (जैसे यूजीसी नेट/जेआरएफ/सीएसआईआर-नेट/गैट आदि) के आधार पर हो सकता है। इसके अलावा विश्वविद्यालय या उच्च शिक्षण संस्थान अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकते हैं। विश्वविद्यालय अपना एंट्रेंस टेस्ट कराता है, तो यह 50% वेटेज के साथ होगा।

सीधा फायदा निजी विवि को

विशेषज्ञों के मुताबिक, विवि जानबूझकर पीएचडी की प्रवेश परीक्षा नहीं करा रहे, ताकि अधिकारी अतिरिक्त जिम्मेदारी से बच सकें। इससे निजी विवि को फायदा हो रहा है, जो साल में 2 बार प्रवेश दे रहे हैं। बीयू शासन के आदेश के बावजूद दो साल में एक बार ही प्रवेश दे रहा है। नेट क्वालिफाइड उम्मीदवारों की कमी से सीटें खाली रह जाती हैं।

साल में दो बार प्रवेश प्रक्रिया पर करेंगे विचार

यूजीसी रेगुलेशन-2022 के तहत नेट क्वालिफाइड उम्मीदवारों को इंटरव्यू के आधार पर प्रवेश दिया जा रहा है। साल में दो बार प्रवेश की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा। फिलहाल प्रवेश परीक्षा नहीं, सिर्फ नेट पास अभ्यर्थी लिए जाएंगे। प्रो. एसके जैन, कुलगुरु, बीयू

नेट केवल पात्रता परीक्षा है, सभी नेट क्वालिफाइड को पीएचडी में प्रवेश नहीं मिलता। इंटरव्यू में कई असफल होते हैं। डीएवीवी साल में दो बार प्रवेश परीक्षा कराता है। प्रवेश प्रक्रिया रेगुलेशन के अनुसार होती है। प्रो. राकेश सिंघई, कुलगुरु, डीएवीवी, इंदौर



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