बैतूल के जेएच कॉलेज में हुए 144.65 लाख रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को पुलिस ने बडोरा क्षेत्र से पकड़ा, जहां वह भोपाल की तरफ भागकर छिपा हुआ था। उसकी मोबाइल टावर लोकेशन के आधार पर टीम ने घेराबंदी कर गिरफ्तारी
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दरअसल 17 दिसंबर 2024 को तत्कालीन प्राचार्य एवं इतिहास विभाग की प्राध्यापक विजेता चौबे ने थाना गंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि अगस्त-सितंबर 2024 के बीच महालेखाकार ग्वालियर ने कॉलेज का वर्ष 2019 से 2024 तक का ऑडिट किया था। ऑडिट में गांव की बेटी योजना से संबंधित छात्रवृत्ति वितरण में भारी गड़बड़ी सामने आई।
उच्च शिक्षा आयुक्त भोपाल से प्राप्त ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर जांच में सामने आया कि कंप्यूटर ऑपरेटर दीपेश डहेरिया, सहायक ग्रेड-2 प्रकाश बजारे और सहायक ग्रेड-3 रिंकू पाटिल ने कूटरचित दस्तावेज और फर्जी बिल बनाकर छात्रवृत्ति की राशि संदिग्ध बैंक खातों में ट्रांसफर की।
शासकीय सेवक होते हुए इन पर गबन और भ्रष्टाचार का आरोप लगा। जांच में तत्कालीन प्राचार्य राकेश कुमार तिवारी और विजेता चौबे को भी आरोपी बनाया गया।
आरोपी की गिरफ्तारी मामले में अपराध क्रमांक दर्ज कर धारा 420, 467, 468, 471, 409, 120-बी भादवि और धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। लंबे समय से फरार चल रहा मुख्य आरोपी दीपेश डहेरिया निवासी प्रभातपट्टन बडोरा क्षेत्र में पुलिस के हत्थे चढ़ा।
उसकी लोकेशन भोपाल की ओर मिली थी, जिस पर टीम ने ट्रैकिंग कर उसे दबोच लिया। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया है। अन्य आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
पुलिस की टीम और भूमिका इस कार्रवाई में एसडीओपी बैतूल सुनील लाटा, निरीक्षक नीरज पाल, उपनिरीक्षक इरफान कुरैशी, प्रधान आरक्षक संदीप, आरक्षक अभिषेक शिंदे, लालसिंह, नवीन रघुवंशी, आकाश सेठिया और साइबर सेल के आरक्षक दीपेंद्र, बलराम सिंह राजपूत एवं राजेंद्र धाडसे की विशेष भूमिका रही। यह सफलता पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन के मार्गदर्शन और साइबर सेल की मदद से मिली।