युवाओं की राय : गरबा कैसा होना चाहिए?
नवरात्रि का असली उद्देश्य माता रानी की आराधना और शक्ति की उपासना है. युवाओं से जब पूछा गया कि गरबा कैसा होना चाहिए, तो अधिकांश का कहना था कि इसमें सिर्फ भक्ति गीत और देशभक्ति की झलक होनी चाहिए. खंडवा के आदित्य मेहता ने कहा, “गरबा हमारी संस्कृति है, इसे फिल्मी गानों या डीजे की धुन पर नहीं बदलना चाहिए. माता रानी के सामने गरबा तभी सार्थक है जब वह पूरी श्रद्धा से हो.”
इस मुद्दे पर युवाओं और संगठनों की राय बिल्कुल साफ है. उनका कहना है कि जब माता की उपासना की जा रही है, तो फिल्मी गाने माहौल बिगाड़ते हैं. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी आयोजन में फिल्मी गीत बजा, तो अंजाम बुरा होगा. उनका कहना है कि आयोजकों को खुद अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और गरबे में सिर्फ धार्मिक व सांस्कृतिक गीतों की धुन बजनी चाहिए.
ड्रेसिंग पर भी रहेगी सख्ती
पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि कई युवतियाँ बैकलेस या आकर्षक ड्रेस पहनकर गरबे में शामिल होती हैं. इस पर खंडवा की महिला शक्ति संगठन की मनीषा जी ने कहा, “हम माता की आराधना करने जा रहे हैं, न कि फैशन शो करने. इसलिए महिलाओं को चाहिए कि वे गरबे में शालीन और पारंपरिक परिधान ही पहनें.” उनका कहना है कि जब हम देवी की उपासना कर रहे हैं, तो हमारी पोशाक भी उसी के अनुरूप होनी चाहिए.
एक और बड़ा मुद्दा है गरबे में गैर हिंदुओं का प्रवेश. इस बार आयोजकों और हिंदू संगठनों ने तय किया है कि किसी भी गैर हिंदू को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. बजरंग दल के युवाओं का कहना है कि अगर कोई वास्तव में श्रद्धा से आना चाहता है, तो वह पहले हिंदू धर्म अपनाए, तिलक लगाए और फिर माता के दरबार में प्रवेश करे. उनका तर्क है कि अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग धार्मिक आयोजनों में गलत इरादों से आते हैं, इसलिए यह सख्ती जरूरी है.
आयोजकों की तैयारी और सुरक्षा
खंडवा में इस बार आयोजक खुद सुरक्षा इंतज़ाम करेंगे. प्रवेश द्वार पर पहचान पत्र चेक किए जाएंगे, साथ ही सभी को तिलक लगाना अनिवार्य होगा. आयोजकों का कहना है कि नवरात्रि सिर्फ डांस और मौज-मस्ती का त्यौहार नहीं, बल्कि नारी शक्ति और सनातन संस्कृति का संदेश देने का अवसर है.
हिंदू संगठनों ने साफ कहा है कि अगर किसी ने सनातन धर्म के त्योहार का मजाक बनाया, तो जिसकी करनी वही भुगतेगा. उनका कहना है कि नवरात्रि सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि हमारी परंपरा और धर्म का प्रतीक है, इसे दूषित करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
खंडवा में इस बार नवरात्र पर सख्ती के साथ खास फोकस रहेगा –
नो फिल्मी सॉन्ग
नो बैकलेस ड्रेस
गैर हिंदुओं का प्रवेश बैन
सुरक्षा की व्यवस्था आयोजक खुद करेंगे
संस्कृति, देशभक्ति और नारी शक्ति पर फोकस
नवरात्रि का पर्व तभी सार्थक होगा जब हम इसे भक्ति, अनुशासन और संस्कृति के साथ मनाएँ. युवाओं का भी यही कहना है कि गरबा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि माता रानी की आराधना है और इसे उसी गरिमा के साथ होना चाहिए.