Tips to Become Rich: सूखा हो या गीला… बिक रहा इतने रुपए किलो, शहरों में है भारी डिमांड, कचरा समझ फेंके नहीं!

Tips to Become Rich: सूखा हो या गीला… बिक रहा इतने रुपए किलो, शहरों में है भारी डिमांड,  कचरा समझ फेंके नहीं!


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Peanut Shell Usage: छतरपुर जिले में किसान भाई बड़े पैमाने पर मूंगफली की खेती करते हैं. हर साल बड़े पैमाने पर मूंगफली का छिलका भी निकलता है. अब इसी छिलके से लकड़ी बनाई जाती है जिसे बड़े शहरों में बेचा जाता है, जिससे किसान भाइयों को आमदनी भी हो रही है.

Mungfali Chilka Upyog. छतरपुर जिले में किसान भाई बड़े पैमाने पर मूंगफली की खेती करते हैं. लेकिन मूंगफली के छिलकों को लेकर किसान भाई चिंतित रहते थे. क्योंकि मूंगफली के छिलके न तो जानवर खाते हैं और न ही यह किसानों के काम आता है.

बारिश के मौसम में तो मूंगफली का छिलका आमजन के लिए भी समस्या बन जाता है. दरअसल, किसान भाई मूंगफली के छिलकों को जहां भी फ़ेंक देते हैं वहां बारिश के मौसम में बदबू ही बदबू आने लगती है. क्योंकि इस छिलके को जानवर भी नहीं खाते हैं. जिसके चलते ये बदबूदार कचरा बन जाता है. इसी समस्या को देखते हुए महाराजपुर तहसील के पुर गांव में एक अनोखी पहल शुरू की गई.

दरअसल, महाराजपुर के आसपास जितने भी मूंगफली किसान थे. वो सालों से मूंगफली के छिलकों को कचरा समझकर फेंक देते थे. इसी समस्या को देखते हुए पूर्व सरपंच अखिलेश पटेल ने गांव में एक प्लांट लगवाया जिसमें मूंगफली के छिलकों का इस्तेमाल होने लगा.

गीला छिलका भी खरीद लेते हैं 
प्लांट में काम करने वाले साकिर खान बताते हैं कि 20 किलोमीटर दूर से भी किसान यहां मूंगफली का छिलका बेचने आते हैं. मूंगफली का छिलका चाहे भीगा हुआ हो या सूखा हुआ हो, हम सभी तरह का छिलका खरीद लेते हैं. गीला छिलका है तो उसे सूखने के बाद इस्तेमाल में ले आते हैं.

इतने रुपए किलो खरीदते हैं छिलका 
साकिर बताते हैं कि मूंगफली का छिलका 2 रुपए लेकर से 3 रुपए किलो खरीदते हैं. वहीं अगर छिलका भीगा हुआ है तो 2 रुपए किलो ही खरीदते हैं. साथ ही सरसों का भूसा भी रुपए 3 किलो खरीदते हैं.

किसानों की लगती है भीड़ 
आसपास के जितने मूंगफली किसान हैं, वह पहले मूंगफली के छिलके को कचरा समझ ऐसे ही फेंक देते थे. पशु भी इस छिलके को नहीं खाते थे. लेकिन जब से उन्हें पता चला है कि महाराजपुर तहसील के पुरा गांव में मूंगफली का छिलका खरीदा जाता है तो वह यहां दूर-दूर से भी बेचने आते हैं. बड़े-बड़े मूंगफली किसान यहां दूर-दूर से आते हैं. अब तो यहां किसानों की भीड़ लगी ही रहती है.

लकड़ी बनाकर शहर भेजते हैं 
साकिर बताते हैं कि जिस मूंगफली के छिलके को पशु नहीं खाते थे, लोगों ने कचरा समझ लिया था. अब इसी छिलके से यहां लकड़ी के गिट्टे बनाए जाते हैं.  यह लकड़ी दिल्ली, नोएडा, बरुआ सागर जैसे शहरों में भेजे जाते हैं,  जहां इनका उपयोग जलाने के लिए किया जाता है. आजकल बड़े शहरों में लकड़ी की बहुत ज्यादा कमी हो गई है तो ऐसे शहरों में लकड़ी बनाकर हम भेजते हैं. इससे किसान को भी फायदा होता है और साथ ही पेड़ों को कटने से भी बचा रहे हैं.

shweta singh

Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें

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