रॉन्ग साइड आने पर एक्टिवा सवार पकड़ जाने के बाद सड़क पर हंगामा करता हुआ।
ग्वालियर में रविवार शाम गश्त का ताजिया पर रॉन्ग साइड से आ रहे एक युवक ने हंगामा कर दिया। जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो जुर्माना भरने के बजाय वह सड़क पर कपड़े उतारकर हंगामा करने लगा। उसने खुद को नरेन्द्र सिंह तोमर और उनके बेटे रामू भैया का परिचित भी बताया।
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टेंशन में हूं, छोड़ दो, नहीं तो अपनी जान दे दूंगा। मुझे छोड़ो, नहीं तो गोली मार दो।
करीब 10 से 15 मिनट तक युवक सड़क पर पुलिस स्टाफ के सामने अर्धनग्न खड़ा रहा। इसके बाद थाना का फोर्स बुलाकर उसे थाने पहुंचाया गया। पुलिस ने रॉन्ग साइड आने और एक्टिवा पर नंबर प्लेट न होने की बात कही, लेकिन थाने पर हंगामा करने वाले ने अपने बच्चे की तबीयत खराब होने की बात कही। तब थाना प्रभारी इंदरगंज ने उसे समझाइश देकर बिना जुर्माना वसूले छोड़ दिया। अब पूरी घटना का वीडियो सामने आया है।
शर्ट उतारकर सड़क पर खड़े होने की कोशिश की
शहर के गश्त का ताजिया पर रविवार शाम इंदरगंज थाना और यातायात पुलिस की टीम वाहन चेकिंग कर रही थी। तभी रॉन्ग साइड से आ रहे एक एक्टिवा सवार को पुलिस ने रोक लिया। जैसे ही पुलिस ने एक्टिवा रोका, युवक ने कहा- चाचा, मैं बहुत टेंशन में हूं, मुझे जाने दीजिए।
पुलिस ने बताया कि आप रॉन्ग साइड से आ रहे हैं और वाहन पर आगे-पीछे रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं हैं, इसलिए चालान होगा। यह सुनते ही एक्टिवा सवार गुस्से में सड़क पर आकर हंगामा करने लगा। वह थाटीपुर का रहने वाला था और कभी किसी डीएसपी को अपना परिचित बताता, तो कभी नरेन्द्र सिंह तोमर और उनके बेटे रामू भैया से पहचान होने का दावा करता रहा। पुलिस ने कहा कि किसी का भी नाम लें, जुर्माना तो भरना पड़ेगा। इसके बाद गुस्साए चालक ने अपनी शर्ट उतारकर सड़क पर खड़े हो जाने की कोशिश की।
थाना पर भी किया हंगामा, बिना जुर्माना छोड़ा युवक को चेकिंग कर रहे पुलिसकर्मियों ने इंदरगंज थाने में सूचना देकर थाना पहुंचाया। एक्टिवा सवार थाना में भी हंगामा करता हुआ नजर आया। वह बार-बार अपना नाम भी गलत बता रहा था। पुलिस ने जब उससे बातचीत की तो उसका कहना था कि उसके बच्चे की तबीयत खराब है, जिस कारण वह टेंशन में है। उसका जुर्माना किया गया तो वह जान दे देगा। इसके बाद इंदरगंज थाना प्रभारी दीप्ति सिंह तोमर ने उसे समझाइश देकर जाने दिया।
इंदरगंज टीआई दीप्ति तोमर ने बताया

बच्चे के बीमार होने से युवक परेशान था। मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। इसलिए उसे समझाइश देकर जाने दिया है।