तीन दिन में 6,22,019 वोटरों की मैपिंग संभव नहीं थी फिर भी अफसरों ने बीएलओ पर दबाव डाला। दावा-काम 20% पूरा हो गया। सच यह है कि जो काम 19 सितंबर तक होना था, उसके लिए बीएलओ की ट्रेनिंग, उन्हें प्रपत्र देने का काम अभी चल रहा है। वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट
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इसके बाद आनन फानन में पुराने बीएलओ बुलाकर उन्हें काम सौंपा गया। शनिवार को कलेक्ट्रेट बीएलओ से अफसरों ने कहा, कि या तो काम फटाफट करें या फिर सस्पेंड हो जाएं। मैपिंग का काम वर्ष 2003 और 2025 की वोटर लिस्ट को सामने रखकर हो रहा है। सच यह है कि गुजरे 22 साल में शहर का आबादी क्षेत्र बढ़ा है। है।
दबाव– काम जल्द, बरना सस्पेंड: वर्ष 2003 में 1044 मतदान केंद्र सभी 6 विधानसभा में थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 1,679 है। इसके बाद भी 369 पोलिंग पर वोटरों की संख्या 1200 से अधिक है। यहां 1200 की संख्या सीमित रखने के लिए 369 और मतदान केंद्र बनाने का प्रस्ताव सीईओ के पास भेजा गया है। जिले में 6 लाख 22 हजार 19 वोटर बढ़े हैं।
वृद्धि शहरी क्षेत्र में ज्यादा है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र से लोग शहर में आए हैं। शहरी क्षेत्र के एक बीएलओ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में तो गांव के नाम से वोटर मिल रहे हैं और मैपिंग आसानी से हो रही है पर शहर में नए मोहल्ले-कॉलोनी ट्रेस नहीं हो रहे हैं।