दतिया के रासजेबी कैंपस में शनिवार रात दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित प्रतिभाशाली छात्र सम्मान समारोह में मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बच्चों की शिक्षा, दिशा और संस्कारों पर गहन विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि आज के बच्चे मोबाइल की दुन
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अभिभावकों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “माता-पिता ने बच्चों को बहलाने और अपनी टेंशन कम करने के लिए उनके हाथों में मोबाइल थमा दिया, लेकिन यह मोबाइल उनके लिए धीरे-धीरे ज़हर (स्लो पॉइजन) बनता जा रहा है।”
संस्कृति और मिट्टी से जुड़ाव जरूरी
डॉ. मिश्रा ने कहा कि बच्चों को केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि संस्कार, संस्कृति और खेलों से जुड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “मोबाइल में आने वाली रील्स और ऑनलाइन कंटेंट बच्चों को इतना व्यस्त कर देते हैं कि उन्हें दिन-रात का फर्क भी महसूस नहीं होता। वे अपनी मिट्टी, संस्कृति और पारंपरिक गतिविधियों से कटते जा रहे हैं। इस प्रवृत्ति को समय रहते रोका जाना चाहिए।”
उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों को खेलकूद, रचनात्मक गतिविधियों और सामाजिक संवाद के माध्यम से उनकी जड़ों से जोड़ा जाए। इससे वे न केवल अपनी पहचान को बनाए रखेंगे, बल्कि जीवन की हर चुनौती का सामना भी साहस और आत्मविश्वास से कर पाएंगे।
40 से अधिक छात्र-शिक्षक सम्मानित
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. दिनेश भूरानी (राजीव गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर) ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में दैनिक भास्कर एमपी 1 के स्टेट हेड राजीव शर्मा और रीजनल इंचार्ज नरेंद्र कुशवाहा मौजूद रहे।
समारोह में 40 से अधिक मेधावी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभिभावकों, नागरिकों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।