मोहसिन नकवी फिर तोड़ा नियम, ACC चीफ पाकिस्तान के प्रैक्टिस सेशन में आए नजर

मोहसिन नकवी फिर तोड़ा नियम, ACC चीफ पाकिस्तान के प्रैक्टिस सेशन में आए नजर


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शनिवार  दोपहर ही संकेत मिल गए थे कि कि पाकिस्तान प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार करेगा? क्या इसलिए कि वे हैंडशेक-गेट पर सवालों के जवाब नहीं देना चाहते? क्या इसलिए कि वे पाइक्रॉफ्ट मुद्दे पर सवालों के जवाब नहीं देना चाहते या इसलिए कि वे इस सवाल का जवाब नहीं देना चाहते कि क्या भारत उन पर मानसिक रूप से बढ़त रखता है? या क्या यह दबाव कम करने और खिलाड़ियों को बाहरी शोर से दूर रखने की कोशिश है?
जिस भी नज़रिए से देखूँ, सच तो यह है कि इसे खिलाड़ियों को इस खेल के दबाव से बचाने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है.

acc और pcb चीफ मोहसिन नकवी पहुंच गए पाकिस्तान के प्रैक्टिस सेशन में
नई दिल्ली. मोहसिन नक़वी भारत के खिलाफ एशिया कप मैच की पूर्व संध्या पर पाकिस्तान के अभ्यास सत्र में पहुँचे. पीसीबी प्रमुख ने अपनी टीम के लिए मामला उलझा दिया है. रात के 8 बज रहे थे, और अचानक आईसीसी अकादमी में मौजूद पाकिस्तानी मीडिया में हलचल मच गई क्योंकि एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष, या यूँ कहूँ कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष, मोहसिन नक़वी कुछ सुरक्षाकर्मियों के साथ आए और सीधे पाकिस्तान के अभ्यास मैदान की ओर चल पड़े.

पीसीबी प्रमुख होने के नाते, वह निश्चित रूप से उपस्थित होकर अपनी टीम को प्रेरित कर सकते हैं. यह किसी भी तरह से अस्वाभाविक नहीं है, फिर भी है क्योंकि पाकिस्तान ने पिछले दो मैचों के लिए अपनी लगभग अनिवार्य प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है. उन्होंने एशिया कप का लगभग बहिष्कार कर दिया था. एंडी पाइक्रॉफ्ट मामले में वे यूएई को वॉकओवर देने के कगार पर थे. उन्होंने जो कुछ भी किया है, वह स्वाभाविक नहीं है और नक़वी इसके पीछे के व्यक्ति हैं. जब ऐसा व्यक्ति अभ्यास करने आता है, तो उससे जो एक चीज़ पैदा होती है, वह है दबाव। इससे खिलाड़ियों पर भारी दबाव पड़ता है और यह हमेशा सबसे अच्छी बात नहीं हो सकती.

मीडिया का बहिष्कार क्यों ?

शनिवार  दोपहर ही संकेत मिल गए थे कि कि पाकिस्तान प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार करेगा? क्या इसलिए कि वे हैंडशेक-गेट पर सवालों के जवाब नहीं देना चाहते? क्या इसलिए कि वे पाइक्रॉफ्ट मुद्दे पर सवालों के जवाब नहीं देना चाहते या इसलिए कि वे इस सवाल का जवाब नहीं देना चाहते कि क्या भारत उन पर मानसिक रूप से बढ़त रखता है? या क्या यह दबाव कम करने और खिलाड़ियों को बाहरी शोर से दूर रखने की कोशिश है?
जिस भी नज़रिए से देखूँ, सच तो यह है कि इसे खिलाड़ियों को इस खेल के दबाव से बचाने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है. और यही बात मुझे नक़वी की याद दिलाती है. कल शाम ट्रेनिंग में उनकी मौजूदगी निश्चित रूप से चर्चा का विषय थी. क्या इससे खिलाड़ियों को मदद मिली? क्या उन्हें अतिरिक्त दबाव महसूस नहीं होगा? हालाँकि कोई भी उनके व्यक्तित्व के बारे में कुछ नहीं कहेगा, लेकिन क्या इससे टीम को इस तरह के मैच से पहले वाकई मदद मिलती है?

जीत पर केंद्रित ध्यान

भारतीय टीम  ने चीज़ों को सरल रखा है. उनके पास एक वैकल्पिक अभ्यास सत्र था और शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा और वरुण चक्रवर्ती कोचिंग स्टाफ के साथ आए थे. उन्होंने कड़ी मेहनत की और सहज दिख रहे थे. दूसरी ओर, पाकिस्तान ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और अपने मन में बहुत कुछ सोचते हुए अभ्यास किया. खिलाड़ियों का “6-0 6-0” चिल्लाना इस बात का सबूत है कि ध्यान किस ओर है. यह शर्मनाक तो है, लेकिन भारत को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ना चाहिए. मैच बल्ले और गेंद से ही जीता जाना चाहिए और भारत इसी पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित करता दिख रहा है. और इसमें नक़वी की मौजूदगी भी जोड़ लीजिए. ऐसा लग रहा है जैसे पाकिस्तान को पहले से ही पता ही नहीं था कि दांव पर सबसे ज़्यादा दांव लगा है. कि खिलाड़ी पहले से ही अविश्वसनीय दबाव में नहीं थे. उनके बोर्ड प्रमुख हमेशा ट्रेनिंग में नहीं आते. अब उन्हें पता है कि यह कोई आम मैच नहीं है यह भारत के खिलाफ एक ऐसा मैच है जो एक हफ़्ते पहले मिली बुरी हार के बाद आ रहा है.

सच तो यह है कि यह सिर्फ़ क्रिकेट का मैच नहीं है पर्दे के पीछे बहुत कुछ चल रहा है और कोई भी इससे अछूता नहीं है फिर भी, जो भी टीम दबाव से बेहतर तरीके से निपटेगी, अंत में वही जीतेगी.

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