Ujjain में लगता है भूतों का मेला, कुंड में डुबकी लगाते ही शरीर में मचती है कंपन, जानें इसकी मान्यता

Ujjain में लगता है भूतों का मेला, कुंड में डुबकी लगाते ही शरीर में मचती है कंपन, जानें इसकी मान्यता


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Baan Kund: एमपी के उज्जैन के बावन कुंड में सर्वपितृ अमावस्या पर स्नान करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसा माना जाता है कि शरीर में बुरी आत्मा को दूर भगाने के लिए कुंड में डुबकी लगाई जाती है. क्या है मान्यता, जानिए.

Baan Kund In MP: विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी मे कई बार ऐसे नजारे देखने को मिलते है. जिस पर यकीन करना बड़ा ही मुश्किल होता है. ऐसा ही एक नजारा उज्जैन के कालियादेह पैलेस स्थित बावन कुंड में आज देखने को मिला. जिसमें सर्वपितृ अमावस्या पर स्नान करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. मान्यता है कि सर्वपितृ अमावस्या पर शरीर में बुरी आत्मा से निजात पाने के लिए बावन कुंड में डुबकी लगाई जाती है. यहा चतुर्थी की रात से ही श्रद्धालु का आने का सिलसिला शुरु हो गया. सुबह डोल की थाप पर भुत-प्रेत भागते नजर आए.

यहां डुबकी लगाने से भाग जाते हैं भूत
मान्यता है कि कुंड में स्नान करने से रुके हुए कार्य भी शुरू हो जाते हैं और बिना विघ्न के संपन्न होते हैं. उज्जैन पंडा चिंतामण गुरु नाहर वाला ने बताया कि इस कुंड से संबंधित मान्यता है कि जिस पर भी बुरी आत्मा का साया होता है, अगर वह पितृ पक्ष की अमावस्या पर एक बार 52 कुंड में से सूर्य कुंड और ब्रह्म कुंड में डुबकी लगाकर स्नान करता है, तो उस पर से सभी प्रकार की प्रेत-बाधा दूर हो जाती है.

प्रसिद्ध पुराण में भी है उल्लेख
मान्यता का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है. यहां सूर्य कुंड, ब्रह्म कुंड और सूर्य मंदिर स्थापित थे. श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं और शरीर में लगी बुरी आत्मा को भगाने के लिए मां क्षिप्रा के जल में डुबकी लगाते हैं. श्रद्धालुओं के मुताबिक, एक डुबकी से ही बुरी आत्मा से छुटकारा मिल जाता है. यही वजह है कि आज यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठे हुए.

ढोल की छाप पर नाचते हुए श्रद्धांलु पहुंचते है. श्रद्धांलु पुष्पा बाई नें बताया कि वह करीब 30 साल से यहा आ रही है. आज के दिन का बहुत बड़ा महत्व है. क्योंकि यहां डुबकी लगाने से शरीर में कोई भी बाधा हो वह दूर हो जाती है. इसके साथ ही देवी-देवताओ भी शरीर मे आकर कुल को शुभ आर्शीवाद देते है. इसलिए हम हर साल अपने 80 किलोमीटर दूर गांव से यहां पहुंचते हैं.

शरीर में मचती है कपकपी
लोकल18 की टीम पानी जब मोके पर पहुंची तो देखा की पवित्र शिप्रा नदी के जल में उतरते ही जिन्ह लोगों के शरीर में कोई बाधा या कोई परेशानी होती है. तो वह कपकपाने लगते हैं. इतना ही नही कोई तलवार से जीभ काटने लग जाता है. तो कोई जंजीरों से अपने आपको चोट पहुंचाते हुए दिखता है, लेकिन कुछ ही देर बाद वह ऐसे हो जाते है. जैसे कुछ हुआ ही न हो.

Deepti Sharma

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें

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