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Khargone News: डॉ स्वप्निल ने लोकल 18 से कहा कि रेबीज से बचाव के लिए सबसे पहले प्राथमिक उपचार जरूरी है. अगर किसी भी संक्रमित जानवर ने काट लिया है या खरोंच दिया है, तो फौरन उस जगह को 15 मिनट तक साबुन और साफ पानी से धोना चाहिए.
विशेषज्ञों के अनुसार, रेबीज के शुरुआती लक्षणों में बेचैनी, सिरदर्द, बुखार और घबराहट शामिल हैं. आगे चलकर मरीज को पानी से डर लगना (हाइड्रोफोबिया) और दौरे पड़ना जैसी गंभीर समस्याएं शुरू हो जाती हैं, यानी जिस जानवर ने काटा है, उसी की तरह पीड़ित हरकतें करने लगता है. एक बार लक्षण सामने आने के बाद यह बीमारी लगभग लाइलाज हो जाती है, इसलिए समय रहते इलाज जरूरी है.
जानवर काट ले तो क्या करें?
डॉ स्वप्निल के मुताबिक, रेबीज से बचाव के लिए सबसे पहले प्राथमिक उपचार जरूरी है. यदि किसी को किसी भी संक्रमित जानवर ने काट लिया है या खरोंच दिया है, तो तुरंत उस जगह को 15 मिनट तक साबुन और साफ पानी से धोना चाहिए. इसके बाद नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर एंटी-रेबीज वैक्सीन और जरूरत पड़ने पर इम्युनोग्लोब्युलिन लेना चाहिए.
पालतू जानवरों से भी रहें सावधान
डॉक्टरों का कहना है कि रेबीज से बचने का सबसे कारगर उपाय जागरूकता ही है, चाहें काटने वाला जानवर पालतू हो या जंगली, उसे हल्के में न लें. गांवों और कस्बों में जहां आवारा या जंगली जानवर ज्यादा घूमते हैं, वहां बच्चों को अकेले नहीं जाने दें और बड़ों को सावधान रहना चाहिए. पिछले कुछ महीनों में खरगोन सहित अन्य जिलों में कुत्तों के काटने के मामले तेजी से बढ़े हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.