क्या आप जानते हैं, कुत्तों के अलावा इन जानवरों से भी होता है रेबीज, ये लक्षण

क्या आप जानते हैं, कुत्तों के अलावा इन जानवरों से भी होता है रेबीज, ये लक्षण


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Khargone News: डॉ स्वप्निल ने लोकल 18 से कहा कि रेबीज से बचाव के लिए सबसे पहले प्राथमिक उपचार जरूरी है. अगर किसी भी संक्रमित जानवर ने काट लिया है या खरोंच दिया है, तो फौरन उस जगह को 15 मिनट तक साबुन और साफ पानी से धोना चाहिए.

खरगोन. रेबीज एक घातक बीमारी है, जिसे लोग अक्सर केवल कुत्ते के काटने से जोड़कर देखते हैं लेकिन यह धारणा पूरी तरह सही नहीं है. विशेषज्ञों के मुताबिक, बिल्ली, बंदर, नेवला, लोमड़ी, चमगादड़ और भेड़िया जैसे जानवर भी रेबीज फैला सकते हैं. संक्रमित जानवर का काटना ही नहीं बल्कि उसके खरोंचने या जख्म पर चाटने से भी संक्रमण फैल सकता है. समय पर इलाज न मिलने पर यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है. रेबीज वायरस इंसानों और जानवरों दोनों के लिए घातक है. यह बीमारी मुख्य रूप से संक्रमित जानवर की लार से फैलती है. अब तक लोगों में यही धारणा रही है कि सिर्फ कुत्ते के काटने से रेबीज होता है.

मध्य प्रदेश के खरगोन निवासी पशु चिकित्सक डॉ खेमेंद्र रोकड़े लोकल 18 को बताते हैं कि कुत्तों के अलावा अन्य कई जानवर हैं, जिनके काटने से रेबीज फैल सकता है. इनमें मुख्य रूप से चमगादड़, बिल्ली, बंदर, नेवला, लोमड़ी और भेड़िया जैसे जानवर शामिल हैं. लोग अक्सर छोटे जानवरों के काटने या खरोंच को मामूली समझकर अनदेखा कर देते हैं. कई बार बच्चे खेलते समय बिल्ली या बंदर से घायल हो जाते हैं, जिसे गंभीरता से नहीं लिया जाता या बच्चे परिजनों को बताते नहीं हैं. यही लापरवाही आगे चलकर घातक रूप ले सकती है. वायरस शरीर में धीरे-धीरे फैल जाता है और जब तक लक्षण सामने आते हैं, तब तक इलाज मुश्किल हो जाता है.
रेबीज संक्रमण के लक्षण क्या है?
विशेषज्ञों के अनुसार, रेबीज के शुरुआती लक्षणों में बेचैनी, सिरदर्द, बुखार और घबराहट शामिल हैं. आगे चलकर मरीज को पानी से डर लगना (हाइड्रोफोबिया) और दौरे पड़ना जैसी गंभीर समस्याएं शुरू हो जाती हैं, यानी जिस जानवर ने काटा है, उसी की तरह पीड़ित हरकतें करने लगता है. एक बार लक्षण सामने आने के बाद यह बीमारी लगभग लाइलाज हो जाती है, इसलिए समय रहते इलाज जरूरी है.

जानवर काट ले तो क्या करें?
डॉ स्वप्निल के मुताबिक, रेबीज से बचाव के लिए सबसे पहले प्राथमिक उपचार जरूरी है. यदि किसी को किसी भी संक्रमित जानवर ने काट लिया है या खरोंच दिया है, तो तुरंत उस जगह को 15 मिनट तक साबुन और साफ पानी से धोना चाहिए. इसके बाद नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर एंटी-रेबीज वैक्सीन और जरूरत पड़ने पर इम्युनोग्लोब्युलिन लेना चाहिए.

पालतू जानवरों से भी रहें सावधान
डॉक्टरों का कहना है कि रेबीज से बचने का सबसे कारगर उपाय जागरूकता ही है, चाहें काटने वाला जानवर पालतू हो या जंगली, उसे हल्के में न लें. गांवों और कस्बों में जहां आवारा या जंगली जानवर ज्यादा घूमते हैं, वहां बच्चों को अकेले नहीं जाने दें और बड़ों को सावधान रहना चाहिए. पिछले कुछ महीनों में खरगोन सहित अन्य जिलों में कुत्तों के काटने के मामले तेजी से बढ़े हैं.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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