मध्य प्रदेश भाजपा में कुछ तो गड़बड़! आलाकमान को क्यों देनी पड़ रही बार-बार नसीहत? पता चली ये वजह

मध्य प्रदेश भाजपा में कुछ तो गड़बड़! आलाकमान को क्यों देनी पड़ रही बार-बार नसीहत? पता चली ये वजह


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MP Politics: मध्य प्रदेश में कुछ दिन पहले ही संगठन महामंत्री आए थे और भोपाल में नेताओं संग बैठक की, कुछ दिन बाद ही राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री भी पहुंचे. जानें माजरा…

सांकेतिक तस्वीर.
Bhopal News: मध्य प्रदेश भाजपा में कुछ तो गड़बड़ है. तभी आलाकमान को बार-बार नेताओं को नसीहत देनी पड़ रही है. कुछ दिन पहले संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने भोपाल आकर वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी और सरकार व संगठन के बीच बेहतर समन्वय बनाने की सलाह दी थी. इसके बाद अब राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री शिवप्रकाश ने भी नेताओं को अनुशासन और एकजुटता बनाए रखने की नसीहत दी है.

कांग्रेस ने लगाए ये आरोप
सूत्रों के मुताबिक, शिवप्रकाश ने निगम-मंडल और कार्यकारिणी में “पट्ठावाद” यानी गुटबाजी हावी न होने देने की भी साफ चेतावनी दी. वहीं, कांग्रेस ने इस पर तंज कसते हुए कहा, भाजपा में अब गुटबाजी चरम पर है, इसलिए आलाकमान को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हाफिज ने कहा कि केंद्रीय राजनीति में सक्रिय बड़े नेताओं को जब से एमपी में उतारा गया, तब से गुटबाजी तेज हो गई है.

भाजपा ने किया पलटवार
हालांकि, भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया. पार्टी प्रवक्ता मिलन भार्गव ने कहा, सरकार की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और संगठन की मजबूती के लिए ही आलाकमान बैठकें करता है. कांग्रेस जैसी पार्टी, जहां दिग्गज नेताओं को “बारात का घोड़ा” कहा जाता है और वे एक-दूसरे पर खुलेआम आरोप लगाते हैं, वह हमें अनुशासन का पाठ न पढ़ाएं.

इसलिए हो रही गुटबाजी की बात…
दरअसल, हाल के दिनों में कई विवाद ग्वालियर-चंबल से लेकर इंदौर और बुंदेलखंड तक सामने आए हैं. सिंधिया के मुरैना दौरे के बाद उनके समर्थकों और नरेंद्र सिंह तोमर खेमे के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी. ग्वालियर की हालत पर कैबिनेट बैठक में प्रद्युम्न सिंह तोमर और फिर सिंधिया समर्थकों ने सवाल उठाए. वहीं, इंदौर पर कैलाश विजयवर्गीय के तीखे बयान भी चर्चा में रहे. लगातार बयानों और खेमेबाजी से भाजपा आलाकमान की चिंता बढ़ गई है. यही वजह है कि शीर्ष नेतृत्व को बार-बार नसीहत देनी पड़ रही है.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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