Last Updated:
MP Politics: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गरबा में गौमूत्र पीने की अनिवार्यता पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आम लोगों के लिए क्यों है, क्या बीजेपी नेताओं पर भी ऐसी शर्तें लागू हैं?
दिग्विजय सिंह ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कुछ उदाहरण दिए. उन्होंने कहा कि जब बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन गरबा में शामिल हुए थे, तो क्या उन्हें गौमूत्र पीने या कलावा बांधने के लिए मजबूर किया गया था? उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा जब राखी जैसे त्योहार मनाता है, तब भी ऐसी कोई शर्त लागू नहीं की जाती. इसी तरह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी जब दिवाली मनाते हैं, तो उनका विरोध नहीं होता, और न ही होना चाहिए. दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया कि अगर बीजेपी नेताओं के लिए ऐसे नियम नहीं हैं, तो फिर आम लोगों पर ऐसी शर्तें क्यों थोपी जा रही हैं?
उनका कहना है कि देश में हर व्यक्ति को अपनी मर्जी से अपने त्योहार मनाने का अधिकार है. किसी पर भी धार्मिक या सांस्कृतिक नियम थोपना गलत है. उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान सभी को समान अधिकार देता है, और किसी भी तरह की जबरदस्ती स्वीकार नहीं की जानी चाहिए. दिग्विजय सिंह के इस बयान ने एक बार फिर सियासी हलकों में बहस छेड़ दी है.
भोपाल- गरबा में गौमूत्र पर गरमाई सियासत
दिग्विजय सिंह ने पोस्ट कर उठाए सवाल
‘आम लोगों के लिए गौमूत्र पीने की अनिवार्यता’
‘BJP नेताओं के लिए अनिवार्यता क्यों नहीं’#mp #digvijaysingh #bjp #madhyapradesh pic.twitter.com/8oyK0fYtnM