एसडीएम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभी स्टे नहीं हटाया है
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राजधानी में सरकारी जमीनों पर कब्जे के दो बड़े मामलों के बीच एक और जमीन विवाद सामने आया है। हथाईखेड़ा स्थित हिंदू कब्रिस्तान (श्मशान) पर कब्जा किए जाने की शिकायत के बाद गोविंदपुरा एसडीएम रवीश कुमार श्रीवास्तव ने दस्तावेज तलब किए हैं। मंगलवार को दोनों पक्ष एसडीएम के सामने दस्तावेज लेकर पहुंचे। इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि यह प्रॉपर्टी मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की है।
यह जमीन वक्फ कब्रिस्तान हताईखेड़ा की प्रबंधन समिति को 26 अप्रैल 2011 को दी गई थी। जबकि हिंदू पक्ष का दावा है कि अनंतपुरा ग्राम है। दो हजार परिवार मुस्लिम रहते हैं। उनके द्वारा खसरा नंबर 110 पर कब्रिस्तान के रूप में जमीन का उपयोग किया जा रहा है। हताईखेड़ा में जो खसरा नंबर 45 है, वह सरकारी जमीन रजिस्टर्ड है। अवैध तरीके से इस पर कब्जा किया जा रहा है।
पिछले 15 से 20 दिन में तीन शवों को दफनाया गया है। जबकि इसके आसपास हिंदू परिवार निवास करते हैं। इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। हिंदू बच्चों को गाड़ने के लिए उपयोग करने की अनुमति दी जाए। फिलहाल एसडीएम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अभी लगे हुए स्टे को नहीं हटाया है। इसकी वजह लॉ एंड ऑर्डर को बताया जा रहा है।
हरिओम शर्मा ने एसडीएम को आवेदन दिया था, जिसमें बताया था कि हथाईखेड़ा सिविल अस्पताल से लगी जमीन खसरा नंबर-45 पर मुगारिक मियां ने अवैध ढांचा बनाकर एवं वक्फ बोर्ड अंकित कर कब्रिस्तान का बोर्ड लगा दिया। 15 अगस्त 2025 से अब तक तीन शव भी दफना दिए, जबकि खसरा नंबर-45 के आसपास सिर्फ हिंदू, बौद्ध और सिख परिवार ही निवास करते हैं। उक्त खसरा शासकीय एवं हिंदू बच्चों को दफनाने का कब्रिस्तान है। दूसरी ओर, अनंतपुरा में मुस्लिम परिवार निवास करते हैं। वे खसरा नंबर-110 में शव दफनाते हैं।
अवैध कब्जे की जांच करने के लिए टीम बनाई गई इधर, हथाईखेड़ा अस्पताल के पास सरकारी जमीन पर टीन शेड का निर्माण, दुकान आदि बनाने की शिकायत के बाद एक राजस्व निरीक्षक और चार पटवारियों को जांच सौंपी गई है। राजस्व निरीक्षक जगदीश पटेल, पटवारी सुरेंद्र प्रताप सिंह यादव, आशीष मिश्रा, महेश राजन और विमलेश गुप्ता को जांच देने को कहा गया है।
कब्रिस्तान की जमीन का सीमांकन हुआ, सरकारी निकली मंगलवार को कब्रिस्तान की जमीन के विवाद के लिए टीम बनाकर सीमांकन कराया गया। जांच के बाद जमीन सरकारी निकली है। पंचनामा बनाकर सीमांकन रिपोर्ट तहसीलदार को सौंप दी गई है।