Public Opinion: महाकाल की नगरी में लगे रावण दहन का विरोध… लगे पोस्टर, जनता ने इस परंपरा पर दी ये प्रतिक्रिया

Public Opinion: महाकाल की नगरी में लगे रावण दहन का विरोध… लगे पोस्टर, जनता ने इस परंपरा पर दी ये प्रतिक्रिया


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Public Opinion: धार्मिक नगरी उज्जैन में दशहरे के पर्व को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज ने रावण दहन को रोकने के लिए कई जगह पोस्टर लगा दिए हैं, क्या है पूरा मामला, जानिए.

विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध है. यहा हर पर्व बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. कुछ ही दिनों बाद बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में देशभर में दशहरे पर रावण दहन होगा, लेकिन धार्मिक नगरी उज्जैन में दशहरे के पर्व को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. पुरे शहर के प्रमुख चौराहों पर जगह-जगह अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज ने रावण दहन को रोकने के लिए कई जगह पोस्टर लगा दिए हैं, जिसमें रावण दहन नहीं होना चाहिए. यह बात लिखी है, जिससे पूरे शहर में लोग अपनी-अपनी राय दें रहे हैं

दरअसल, पूरा मामला तब गरमा गया जब, उज्जैन के परशुराम मंदिर में अखिल भारतीय युवा ब्राह्मण समाज की बैठक हुई थी. इस दौरान देशभर में रावण दहन का विरोध करने का फैसला लिया गया. महाकाल सेना ने खासतौर पर ब्राह्मणों से अपील की है कि वे रावण दहन जैसे आयोजनों में हिस्सा न लें. महाकाल सेना के संरक्षक महेश पुजारी ने कहा कि इतिहास या रामायण में कहीं भी रावण दहन का जिक्र नहीं है. यह परंपरा अब मनोरंजन और राजनीति का साधन बन चुकी है. उन्होंने कहा कि, जो वास्तव में राम की तरह हैं, वही रावण दहन करें.

क्या बोली पब्लिक 
राजेश जोशी ने लोकल18 को बताया कि रावण दहन अब बंद होना चाहिए. क्योंकि भगवान राम ने रावण का वध करके उन्हें मोक्ष दिया है. रावण एक महाज्ञानी था और बहुत बड़ा शिव भक्त भी था. आज के समय में जहां ब्राह्मण और ज्ञानी की पूजा की जाती है. उसका दहन क्यों. कई जगह ऐसी हैं जहां रावण की आज भी दहन नहीं पूजा की जाती है. यह परम्परा में सुधार होना चाहिए.

अब क्यों हो रहा है विरोध 
राजेश गोस्वामी ने लोकेल18 को बताया कि भगवान राम ने जो किया वह सही था. क्योंकि रावण की मृत्यु भगवान प्रभु श्री राम के हाथों लिखी थी.जन्म के साथ ही मृत्यु का समय भी निर्धारित रहता है. जब लोकल18 की टीम ने पहुंचा. यह परम्परा तो काफी पहले से चल रही है तो अब विरोध क्यों? तो उन्होंने बताया कि आज के समय में रावण दहन कम मनोरंजन और राजनीति का साधन बन गया है. इसके साथ ही अब ब्राह्मण जाग रहा है. इसलिए आवाज उठ रही है.

एक ही जगह रावण दहन होना चाहिए
राहुल पंड्या ने बताया कि देशभर में रावण दहन होता है, लेकिन रावण को एक दृष्टि से देखा जाए तो रावण महाज्ञानी और महापंडित था. इतना ही नहीं शिव का सबसे बड़ा भक्त था. पहले जो दहन भगवान राम ने किया था, आज के समय बहुत जगह दहन होते हैं. गली-चौराहे पर कई पुतले देखने को मिलते हैं, लेकिन वास्तव में जो रावण दहन कर रहा है. उसके भीतर क्या सचमुच राम है? उन्होंने बताया देखिए जब कोई चीज शास्त्रों में नहीं होती है और वह परम्परा बन जाती है, तो उसे निभाया जा सकता है. अगर रावण दहन करना ही है. तो शहर भर में करने की जरूरत नहीं है. कही भी एक जगह करके परम्परा निभाई जा सकती है.

Deepti Sharma

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें

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