उज्जैन में दो पाड़ों की लड़ाई करवाई गई।
मंगलनाथ क्षेत्र में नवरात्रि के अवसर पर पाड़ों की लड़ाई का आयोजन किया गया। अंकपात क्षेत्र के पशु पालक श्याम ग्रुप ने इस आयोजन की जिम्मेदारी संभाली। इस दौरान एक ही ग्रुप के छह जोड़े पाड़ों ने मैदान में उतरकर अपनी ताकत दिखाई।
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आयोजन में बारूद, भीष्म और कालू नामक पाड़ों के बीच मुकाबला हुआ। एक ही ग्रुप के पाड़े होने के कारण न तो जीत-हार की स्थिति बनी और न ही कोई इनाम रखा गया। आयोजनकर्ता आनंद देशवाली ने बताया कि त्योहार की परंपरा के चलते यह आयोजन किया गया।
पशु पालक साल भर पाड़ों को ड्राई फ्रूट, दूध और घी खिलाकर इन प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करते हैं। पहले यह आयोजन दशहरा, दीपावली और भाई दूज पर होता था। कुछ वर्ष पहले प्रशासन ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध का कारण था कि हार-जीत के दौरान झगड़े होते थे। कई बार लड़ते हुए पाड़े दर्शकों की भीड़ में घुस जाते थे, जिससे लोग घायल हो जाते थे।
पशु क्रूरता अधिनियम के तहत इस आयोजन पर रोक लगाई गई थी। फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में पशु पालक इस तरह के आयोजन करते रहते हैं।
मंगलनाथ में पाड़ों की लड़ाई का दृश्य।

इस तरह से पाड़ों की आपस में लड़ाई करवाई गई।