श्री बाघेश्वरी पाढ़ाय वाली माता: सालों से गूंज रहा माता का जयकारा, श्रृंगार और शयन सहित रोज 4 आरती – Gwalior News

श्री बाघेश्वरी पाढ़ाय वाली माता:  सालों से गूंज रहा माता का जयकारा, श्रृंगार और शयन सहित रोज 4 आरती – Gwalior News



नवरात्रि में नई सड़क स्थित मां बाघेश्वरी पाढ़ाय वाली माता मंदिर जय माता दी के उद् घोष से गूंज रहा है। मां की हर दिन विशेष शृंगार कर चार बार आरती हो रही है।

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अष्टमी पर हवन व नवमी को भंडारा होगा, पुजारी राजेश शर्मा कहते हैं कि औरंगजेब ने जब आक्रमण किया था और हिंदू मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था तब डीडवाना नागौर राजस्थान में स्थित माता बाघेश्वरी पाढ़ाय के मंदिर से व्यापारियों द्वारा मूर्ति को खंडित होने से बचाने के लिए उसे वहां से उठाकर भागना पड़ा। वह विश्राम करने के लिए ग्वालियर में रुके थे। जहां से आगे जाने के लिए उठे तो माता की मूर्ति उस स्थान से टस से मस नहीं हुई। जिसके चलते यहां मंदिर बनवाने का निर्णय लिया।

राजस्थान के डीडवाना से आई मां बाघेश्वरी की मूर्ति, इसलिए कहते हैं पाढ़ाय वाली माता

मान्यता: अर्जी से गुम हुई चीजें मिल जाती हैं इस मंदिर से एक खास मान्यता जुड़ी है। कहा जाता है कि माता को अर्जी लगाने से गुम हुई चीजें मिल जाती हैं। इसी वजह से जब किसी भक्त की कोई वस्तु खो जाती है तो वह यहां आकर नारियल और चुनरी चढ़ाकर अपनी अर्जी लगाता है। श्रद्धालु रामनरेश सिंह बताते हैं- मैं 50 साल से यहां आ रहा हूं, मां की कृपा से कभी निराश नहीं लौटा।

मां बाघेश्वरी का नाम पाढ़ाय वाली माता क्यों पढ़ा? यह पूछने पर उन्होंने बताया कि मातारानी ने जब पाढ़ा बने राक्षस महिषासुर का वध किया तो उन्हें पाढ़ाय वाली माता कहा जाने लगा।



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