सीएम बोले:ओबीसी आरक्षण में जल्दबाजी न करें कांग्रेसी: सर्वानुमति से सरकार ने SC से 13% पदों को अनहोल्ड करने की मांग रखी है – Bhopal News

सीएम बोले:ओबीसी आरक्षण में जल्दबाजी न करें कांग्रेसी:  सर्वानुमति से सरकार ने SC से 13% पदों को अनहोल्ड करने की मांग रखी है – Bhopal News


मप्र में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण मामले में कल यानी 24 सितंबर से शुरू होने वाली डेली हियरिंग अब 8 अक्टूबर को होगी। ओबीसी आरक्षण मामले पर हो रही राजनीति पर सीएम डॉ मोहन यादव ने कांग्रेस नेताओं को जल्दबाजी न करने की सलाह दी है।

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सीएम ने कहा-

मैं कांग्रेस के मित्रों से भी कहना चाहता हूं कि जल्दी न करें, हम सब साथ हैं उसका लाभ कोर्ट के सामने एकजुटता से ही रहेगा। अगर जल्दीबाजी करेंगे तो ये ओबीसी वर्ग के लिए भी नुकसान दायक रहेगा। ये किसी वर्ग के लिए भी ठीक नहीं हैं।

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भास्कर के सवाल पर सीएम बोले: सर्वानुमति से 13% पदों को अनहोल्ड करने की मांग रखी है भोपाल में सीएम से भास्कर ने पूछा कि ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई फिर टल गई है? इसपर कांग्रेस सवाल उठा रही है तो सीएम ने कहा- हमारी सरकार ने स्पष्ट किया है। सर्वदलीय बैठक करके, कोर्ट के सामने दस्तावेज भी रखे हैं। हमने सर्वानुमति से यह पक्ष भी रखा है कि 13% प्रतिशत जो पद होल्ड हैं उन्हें अनहोल्ड करें।

हर वर्ग को निर्धारित आरक्षण मिले सीएम ने कहा- हमने यह कहा है कि हम प्रधानमंत्री जी की सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की भावना पर चलते हैं। एसटी, एससी, ओबीसी, सामान्य वर्ग सबका जो निर्धारित आरक्षण है उसका सबको लाभ मिले। उसी भाव पर चल रहे हैं। सीएम ने कहा चूंकि, 15 हजार से ज्यादा दस्तावेज फाइल हुए हैं तो उन्होंने कहा कि थोड़ा समय हमें दो। 8 तारीख को न्यायालय फिर इस मामले को सुनेगा। हमने कहा जब भी सुनें लेकिन, हमारे सभी पक्षों का ध्यान रखें।

ओबीसी आरक्षण- सुप्रीम कोर्ट में सामान्य वर्ग के वकीलों ने समय मांगा, जज बोले- हम तैयार हैं, आप नहीं मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने के मामले में आज (24 सितंबर) से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई शुरू होनी थी। अब ये 8 अक्टूबर से होगी। दरअसल, आज सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और मध्यप्रदेश सरकार के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से 27% ओबीसी आरक्षण पर लागू अंतरिम स्टे हटाने की मांग की।

इस पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की ओर से वकील पूजा धर और लेखी ने दलील दी कि उन्हें मप्र सरकार की ओर से मंगलवार (23 सितंबर) को ही 15 हजार पेज के दस्तावेज सौंपे गए हैं। इन दस्तावेजों का अध्ययन करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 8 अक्टूबर की तारीख तय कर दी है। साथ ही तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि हम तैयार हैं, आप नहीं। यहां पढ़ें पूरी खबर…..



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