पुलिस इस समय चेकिंग अभियान चला रही है।
प्रदेश में प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र (PUCC) को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। मामला ऐसा कि गाड़ी भोपाल में खड़ी रही और उसका PUC सर्टिफिकेट बैतूल में तैयार हो गया। परिवहन विभाग ने गंभीर लापरवाही मानते हुए बैतूल के इंडियन PUC सेंटर का प्राधिकार पत्र
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परिवहन आयुक्त कार्यालय को शिकायत मिली थी कि कुछ अधिकृत PUC सेंटर बिना वाहन जांच के ही सर्टिफिकेट बना रहे हैं। जांच के लिए गठित टीम ने इसकी हकीकत परखने के लिए भोपाल परिवहन आयुक्त कैंप कार्यालय में खड़ी एक गाड़ी की फोटो खींचकर बैतूल स्थित इंडियन PUC सेंटर को भेज दी। चंद मिनटों में सेंटर ने उस वाहन का PUC सर्टिफिकेट जारी कर पोर्टल पर अपलोड कर दिया, जबकि गाड़ी मौके पर लाई ही नहीं गई थी।
नियमों के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों को छोड़कर सभी वाहनों के लिए PUC सर्टिफिकेट अनिवार्य है। BS-IV और उसके बाद की सीरीज वाले वाहनों को साल में एक बार और पुराने वाहनों को हर 6 महीने में प्रदूषण जांच करानी होती है। बिना PUC के पहली बार पकड़े जाने पर परिवहन वाहनों पर 5 हजार और गैर-परिवहन वाहनों पर 1 हजार रुपए जुर्माना है। दोबारा उल्लंघन पर यह राशि 10 हजार तक पहुंच सकती है।
उप परिवहन आयुक्त (शिकायत) ने बैतूल सेंटर का रजिस्ट्रेशन निलंबित करते हुए सभी अधिकृत संचालकों को कड़ी चेतावनी दी है कि वे केवल नियमानुसार वाहन की वास्तविक जांच कर ही सर्टिफिकेट जारी करें। फोटो और वीडियो अपलोड करना अनिवार्य रहेगा। विभाग ने कहा कि भविष्य में इस तरह की शिकायत पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।