भारतीय बल्लेबाज करुण नायर को आगामी वेस्टइंडीज दौरे के लिए टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया है. उन्हें लंबे समय बाद इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट में जगह मिली थी, जहां वह उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए. अब टेस्ट टीम से बाहर किए जाने पर उनका रिएक्शन आया है. 3000 से ज्यादा दिनों (8 साल) के बाद टेस्ट टीम में वापसी करने वाले नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ हुई सीरीज के 5 में से 4 टेस्ट खेले, लेकिन सिर्फ 205 रन बनाए, जिसमें केवल एक अर्धशतक शामिल था.
अजीत अगरकर ने क्या कहा?
इस फैसले पर बीसीसीआई के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने अपनी बात भी रखी. अगरकर ने कहा कि सेलेक्टर्स को नायर से और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी और उन्हें देवदत्त पडिक्कल की हालिया फॉर्म में ज़्यादा दम नजर आया. 25 सितंबर को वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान किया गया. इस चयन के बाद नायर की तुरंत और टेस्ट मैच खेलने की उम्मीदों पर विराम लग गया है.
पडिक्कल ने सेलेक्टर्स को किया प्रभावित
इंग्लैंड सीरीज में करुण नायर ने नंबर 3 और नंबर 6 पर बल्लेबाजी की और उनका औसत 25.62 रहा. आखिरी टेस्ट में अर्धशतक लगाने के बावजूद चयनकर्ताओं ने पडिक्कल को वरीयता दी. पडिक्कल ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ के खिलाफ एक अनाधिकारिक टेस्ट में शतक लगाकर प्रभावित किया था. अगरकर ने दोहराया कि पडिक्कल पहले भी टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं और इंडिया ‘ए’ के लिए लगातार अच्छी फॉर्म दिखाई है.
नायर का छलका दर्द
टीम से बाहर किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए करुण नायर ने स्वीकार किया कि उन्हें चुने जाने की उम्मीद थी, लेकिन वह अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं खोज पा रहे. उन्होंने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से कहा, ‘हां, मुझे चयन की उम्मीद थी. मुझे नहीं पता कि क्या कहूं. कोई शब्द नहीं हैं. मेरे पास कहने के लिए ज़्यादा टिप्पणियां नहीं हैं. मेरे लिए जवाब देना बहुत मुश्किल है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘आपको शायद सेलेक्टर्स से पूछना चाहिए कि वे क्या सोच रहे हैं. एकमात्र बात यह है कि, आखिरी टेस्ट मैच में, मैंने तब अर्धशतक बनाया जब पहली पारी में कोई और रन नहीं बना सका. तो, हां मुझे लगा कि मैंने टीम में योगदान दिया, खासकर आखिरी मैच में जो हम जीते थे. लेकिन, हां जो है सो है. उन बातों का कोई महत्व नहीं है.’
अगरकर ने बताया बाहर करने का कारण
नायर को बाहर करने के फैसले को समझाते हुए मुख्य सेलेक्टर अजीत अगरकर ने कहा, ‘सच कहूं तो, हमें करुण से थोड़ी और उम्मीद थी. उन्होंने चार टेस्ट खेले और आप एक पारी की बात कर रहे हैं. ऐसा ही होता है. हमें लगता है कि इस समय पडिक्कल थोड़ा ज़्यादा ऑफर करते हैं. काश हम सभी को 15-20 टेस्ट दे पाते.’ अगरकर ने जोर देकर कहा कि इंटरनेशनल स्तर पर मौके सीमित होते हैं और प्रदर्शन ही निर्णायक कारक बना रहता है. चयन समिति की रणनीति टीम में नई प्रतिभा और फॉर्म को शामिल करने की थी, जिसमें पडिक्कल के लगातार घरेलू और ‘ए’ टीम के प्रदर्शन का बहुत महत्व रहा.
वेस्टइंडीज टेस्ट के लिए भारत की टीम
शुभमन गिल (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा (उप-कप्तान), वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, अक्षर पटेल, नितीश कुमार रेड्डी, एन. जगदीसन (विकेटकीपर), मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, कुलदीप यादव.