रक्तदान कर अनजान जिंदगी बचाने का बनाया मकसद, भोपाल के उदय गरे ने अब तक 148 बार किया ब्लड डोनेट, जानिए उनका सफर

रक्तदान कर अनजान जिंदगी बचाने का बनाया मकसद, भोपाल के उदय गरे ने अब तक 148 बार किया ब्लड डोनेट, जानिए उनका सफर


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Uday Gare Blood Donor: एमपी के भोपाल के रहने वाले उदय गरे, जिन्होंने अब तक करीब 148 बार ब्लड डोनेट किया है. इस सराहनीय काम के लिए उन्हें राष्ट्रपति सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. चलिए जान लेते है कैसे उन्हें यह प्रेरणा मिली और कब इसकी शुरुआत हुई.

Uday Gare Blood Donor: ‘रक्तदान कर आप किसी की जिंदगी बचा सकते हैं’ यह लाइन आपने कई बार सुनी. मगर ऐसा ही कुछ कर रहे हैं राजधानी भोपाल के रहने वाले उदय गरे, जिन्होंने अब तक करीब 148 बार रक्तदान किया है. इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रपति सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. लोकल18 के माध्यम से जानिए कैसे उन्हें यह प्रेरणा मिली और शुरुआत हुई.

लोकल18 से बात करते हुए उधर ने बताया कि वो सन 1986 से लगातार रक्तदान करते हुए आ रहे हैं. करीब 39 साल रक्तदान करते हुए हो गए हैं. अगर उनकी उम्र की बात करें तो अभी 57 साल के हो चुके हैं. वह बताते हैं कि इसके पीछे भी एक लंबी कहानी है. मेरा शुरुआती जीवन नागपुर में ही बीता है और जब 18 साल के थे, उस समय अपनी आंखों के सामने एक एक्सीडेंट देखा. उस एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति के शरीर से बहुत ज्यादा खून बह गया था.

घायल व्यक्ति को नागपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. जिज्ञासा के चलते में भी वहां पहुंच गया और देखा कि व्यक्ति को जी ब्लड ग्रुप का खून चाहिए था. वह अस्पताल में मौजूद नहीं था. ऐसे में खून की कमी के चलते मरीज ने मेरी आंखों के सामने दम तोड़ दिया. यह दृश्य मेरे दिल और दिमाग में बैठ गया. आखिर कैसे कोई मरीज खून की कमी के कारण मर सकता है. बहुत सोचने के बाद मैंने डॉक्टर से पूछा कि क्या मैं रक्तदान कर सकता हूं.

पहली बार रक्तदान करने में लगा डर
उदय गरे बताते हैं कि जब मैंने रक्तदान करने के सवाल पर डॉक्टर से पूछा तो, उन्होंने जवाब दिया कि रक्तदान करने से शरीर में कोई दिक्कत नहीं आती है. अगर आप स्वस्थ हैं और आपकी उम्र 18 से 60 साल के बीच है, तो आप रक्तदान कर सकते हैं. हालांकि, मेरे मन में यह डर बना हुआ था कि रक्तदान करने से कहीं बेहोश तो नहीं हो जाएंगे. पहली बार में साइकिल चलाकर अस्पताल पहुंचा और ब्लड डोनेट किया. इसके बाद मुझे ऐसा एहसास ही नहीं हुआ कि मेरे शरीर से खून निकल गया हो.

अब तक 148 बार किया रक्तदान
उदय ने बताया कि मुझे यह तो नहीं पता कि मैं अब तक रक्तदान करके कितने लोगों की जान बचाई होगी या कितने लोगों को नया जीवन दिया होगा. मगर खून की एक यूनिट से चार मरीजों की मदद की जा सकती है. अगर संख्या की बात करें तो अब तक करीब 148 बार रक्तदान कर चुके हैं. इसके अलावा करीब 18 बार प्लेटलेट्स भी दे चुके हैं.

रक्तदान की प्रक्रिया में भी आया अंतर
उदय ने आगे बताया कि सन 1986 से लेकर 1998 तक साल में 6 बार रक्तदान किया. उस समय साल में करीब छह बार रक्तदान कर सकते थे. पहले हर 2 महीने में रक्तदान कर सकते थे, जिसे बाद में बदलकर 3 महीने का अंतर कर दिया गया. ऐसे में तीन-तीन महीने के अंतराल में रक्तदान भी किया है. वहीं, पिछले कुछ सालों से इसे बदलकर साल में करीब दो से तीन बार रक्तदान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

Deepti Sharma

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें

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