छिंदवाड़ा के कुण्डीपुरा थाना क्षेत्र से दो नाबालिग लड़कियों के लापता होने से पुलिस और परिजन घबरा गए। दोनों 14 वर्षीय छात्राएं बुधवार सुबह घर से स्कूल जाने के लिए निकली थीं, लेकिन रात तक वापस नहीं लौटीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने रातभर सर
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स्कूल पहुंचीं लेकिन अंदर नहीं गईं
पातालेश्वर निवासी एक व्यक्ति ने अपनी बेटी और उसकी पड़ोसन के लापता होने की रिपोर्ट कुण्डीपुरा थाने में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों लड़कियां सुबह करीब 10 बजे स्कूल के लिए पैदल निकली थीं। देर शाम तक घर न लौटने पर परिजन चिंतित हो गए।
जैसे ही सूचना मिली, थाना प्रभारी महेंद्र भगत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी और तुरंत अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया। टीम ने सबसे पहले स्कूल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की।
फुटेज में यह साफ दिखाई दिया कि दोनों छात्राएं स्कूल गेट तक पहुंचीं, लेकिन अंदर नहीं गईं। इसके बाद दोनों अलग-अलग रास्तों से दादा धूनी वाले मंदिर की ओर जाती नजर आईं, लेकिन फिर उनका कोई सुराग नहीं मिला।
कुण्डीपुरा थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ
रातभर चला सर्च ऑपरेशन, बिना सायरन किया गया गश्त
लड़कियों की तलाश में पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की और सर्च ऑपरेशन शुरू किया। थाना प्रभारी ने बताया कि बच्चियों को डर न लगे, इसके लिए गश्त के दौरान सायरन और गाड़ी की लाइट का इस्तेमाल नहीं किया गया। लगातार खोजबीन के बाद रात करीब 3 बजे दोनों बच्चियां पातालेश्वर मंदिर मार्ग के पास घूमती हुई मिलीं।
डांट के डर से घर नहीं लौटीं
पूछताछ में दोनों लड़कियों ने बताया कि उन्होंने स्कूल की छुट्टी कर ली थी और घर में डांट पड़ने के डर से वापस नहीं लौटीं। रातभर वे इधर-उधर घूमती रहीं। पुलिस ने जब उनकी पहचान की पुष्टि कर ली, तो उनके परिजनों को सूचना दी गई। आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद सुबह दोनों बच्चियों को सुरक्षित उनके परिवारों के सुपुर्द कर दिया गया।
थाना प्रभारी ने की अपील
थाना प्रभारी महेंद्र भगत ने परिजनों से अपील की है कि बच्चों पर निगरानी रखें और किसी भी स्थिति में उन्हें भरोसे में लें, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।