1718 बसें जांचीं, 41% में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं: अब बिना फर्स्ट एड बॉक्स वाली बसों को परमिट नहीं – Bhopal News

1718 बसें जांचीं, 41% में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं:  अब बिना फर्स्ट एड बॉक्स वाली बसों को परमिट नहीं – Bhopal News



परिवहन विभाग ने प्रदेशभर में यात्री बसों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। अब जिन बसों में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं होगा, उसे परमिट नहीं दिया जाएगा।

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परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने बताया कि 22 सितंबर से चल रहे विशेष जांच अभियान का उद्देश्य यात्री सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इस अभियान के दौरान विभागीय समीक्षा में सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी निर्देश दिए थे कि सभी यात्री वाहनों में फर्स्ट एड बॉक्स की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए।

उनका मकसद यह था कि किसी भी सड़क हादसे या आपात स्थिति में यात्रियों को तुरंत प्राथमिक उपचार मिल सके। गुरुवार को आयोजित चेकिंग में कुल 1718 यात्री बसों की जांच की गई। इनमें से 700 से अधिक बसों में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं पाया गया, जिसके कारण इन सभी के खिलाफ चालानी कार्रवाई की गई। 16 बसें और 13 अन्य वाहन जब्त भी किए गए। जांच अभियान के दौरान टीम ने 11 अन्य वाहनों पर भी चालानी कार्रवाई की और 48,500 रु. जुर्माना वसूला ।

भोपाल आरटीओ की टीम ने तमिलनाडु रजिस्ट्रेशन की एक बस को जब्त किया, जो बिना परमिट, फिटनेस और टैक्स भरे भोपाल में संचालित हो रही थी।

आप कर सकते हैं शिकायत मोटरयान अधिनियम-1989 और सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स-1989 के अनुसार, सभी बसों में फर्स्ट एड बॉक्स रखना जरूरी है। इसे साफ-सुथरे, बंद डिब्बे में रखना चाहिए, जिस पर हरे रंग में सफेद क्रॉस के साथ ‘FIRST AID’ लिखा हो। {किसी यात्री बस में फर्स्ट एड बॉक्स नहीं है तो मप्र परिवहन विभाग की हेल्पलाइन 181/0755-2700030, या ऑनलाइन mptransport.org पर शिकायत कर सकते हैं।

फर्स्ट एड बॉक्स में अनिवार्य सामग्री : {बैंडेज रोल- 5 सेमी, 7.5 सेमी, 10 सेमी चौड़ाई वाले स्टरलाइज्ड गॉज पीस। {एडहेसिव प्लास्टर- छोटे कट/खरोंच के लिए। {स्टरलाइज्ड ड्रेसिंग पैड- चोट ढंकने के लिए। {एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन/लिक्विड। {कॉटन वूल, आई पैड, ट्रायएंगुलर बैंडे- हाथ/कंधे बांधने के लिए। {सेफ्टी पिन और कैंची। {एंटीसेप्टिक क्रीम। {बर्न ड्रेसिंग-बर्न क्रीम। {डिस्पोजेबल ग्लव्स। {पिन्सेट-फोर्सेप। {थर्मामीटर। {पेनकिलर टैबलेट।



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