जांच में पुष्टि…: गांधी नगर संस्था ने मेट्रो की जमीन पर भी प्लॉट बेच दिए – Indore News

जांच में पुष्टि…:  गांधी नगर संस्था ने मेट्रो की जमीन पर भी प्लॉट बेच दिए – Indore News



इंदौर मेट्रो के डिपो के लिए आवंटित जमीन के मामले में सहकारिता विभाग की जांच पूरी हो गई है। इसमें स्पष्ट हो गया है कि गांधी नगर संस्था के सदस्यों ने ही अफसरों के साथ मिलकर मेट्रो की जमीन पर 50 करोड़ से अधिक कीमत के 20 प्लॉट काट कर बेच दिए हैं। इसी के क

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जांच में खुलासा हुआ है कि संस्था प्रबंधक, पूर्व तथा वर्तमान संचालक मंडल ने नियमों के परे जाकर संस्था के अभिन्यास में बदलाव व छेड़छाड़ की। संस्था द्वारा सर्वे क्र. 307/5 में रिक्त शासकीय भूमि में अवैध रूप से भूखंड दर्शाकर आवंटन और नामांतरण किया। अवैध रूप से सदस्य बनाकर उन्हें अलॉट भी कर दिए। जांच के बाद सहकारिता विभाग जिम्मेदारों पर एफआईआर की तैयारी कर रहा है।

2004 से रजिस्ट्री पर रोक फिर भी कर दिया आवंटन कलेक्टर ने वर्ष 2004 से ही गांधीनगर संस्था के प्लॉटों की रजिस्ट्री पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद संस्था द्वारा बिना वरीयता सूची बनाए मेट्रो की भूमि पर भूखंडों का आवंटन कर दिया गया। वहां पर संस्था द्वारा 20 प्लॉट काट दिए गए और टीन शेड से कब्जे शुरू करा दिए थे।

आपसी चर्चा के आधार पर ही अफसरों ने कम कर दी मेट्रो की जमीन 27 अप्रैल 2025 को भास्कर ने मामले का खुलासा करते हुए बताया था कि 2021 में जिला प्रशासन ने गांधीनगर संस्था की 2.618 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण मेट्रो के डिपो के लिए किया था। तब ही भूमि के सीमांकन के साथ मेट्रो के यलो स्टोन भी बाउंड्री पर गाड़ दिए गए। बाद में संस्था के पदाधिकारी व तत्कालीन प्रशासनिक अफसरों के बीच व्यक्तिगत चर्चा हुई और मेट्रो की जमीन कम करते हुए 2.1 हेक्टे. का ही कब्जा दिलाया गया।

पहले संस्था आवंटित सदस्यों की सूची छिपाती रही। खबर के बाद जो सूची सहकारिता विभाग भेजी गई वह फर्जी निकली।

जांच रिपोर्ट भोपाल भेज रहे हैं, जिम्मेदारों पर एफआईआर तक करा सकते हैं ^ जांच में गांधीनगर संस्था की गंभीर गड़बड़ी पकड़ में आई है। संस्था के अभिन्यास में बदलाव व छेड़छाड़ की गई। सर्वे क्र. 307/5 में रिक्त शासकीय भूमि में अवैध रूप से भूखंड दर्शाकर आवंटन, नामांतरण कर अवैध रूप से सदस्यता दी गई। हम रिपोर्ट को भोपाल भेज रहे हैं। वहां से अनुमति आते ही जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में संस्था पर एफआईआर तक के प्रावधान एक्ट में हैं। – बीएल मकवाना, ज्वाइंट कमिश्नर

संस्था की 2023 की निर्वाचन सूची में भी नाम अलग

संस्था की 2023 की निर्वाचन सूची में सदस्यता क्रं 2270 पर सुनील राजपति का नाम था, जबकि बाद में 20 भूखंडों की सूची में इसी सदस्यता क्र. पर मोहन पिता रतनसिंह का नाम दिया गया। ऐसी कई गड़बड़ियां सूची में पकड़ी गई हैं।



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