नवरात्रि के पावन अवसर पर राजगढ़ से करीब 5 किलोमीटर दूर ऊंची पहाड़ी पर स्थित मां जालपा माता मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए भव्य धार्मिक माहौल देखने को मिल रहा है। मंदिर परिसर में विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों और औषधियों से हवन चल रहा है, जिसे उज्जैन से
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मंदिर के प्रमुख आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री ने बताया कि हवन और यज्ञ समाज कल्याण, राष्ट्र उन्नति और सभी लोगों की सुख-समृद्धि की कामना के लिए आयोजित किया जा रहा है। उज्जैन से आए पंडित मंत्रों का उच्चारण करते हुए मां भगवती का पाठ सुनाते हैं और उसके बाद विधिपूर्वक हवन शुरू होता है। मंदिर में नियुक्त पंडित उनकी सहायता करते हैं और हवन में आहुति देने की पूरी प्रक्रिया का ध्यान रखते हैं।
जड़ी-बूटियों और औषधियों से होता है हवन मंदिर परिसर में बनी यज्ञशाला में प्रत्येक प्रकार की औषधियां और जड़ी-बूटियां शुद्ध और पवित्र विधि से आहुति में डाली जा रही हैं। मंत्रोच्चारण के साथ इन औषधियों का हवन भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव को और गहरा बना रहा है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस हवन से समाज, परिवार और राष्ट्र की उन्नति होती है और मां जालपा का आशीर्वाद मिलता है।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व मां जालपा माता मंदिर घने जंगलों के बीच विशाल टेकरी पर विराजित है। करीब 1100 साल पुरानी यह प्रतिमा पहले पीपल के पेड़ के नीचे मिली थी। बाद में पहाड़ी पर पाषाण निर्मित सिंहवाहिनी प्रतिमा के चबूतरे पर स्थापना की गई।
नवरात्रि के दौरान मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। दूर-दूर से लोग पदयात्रा कर यहां आते हैं, माता के दर्शन करते हैं और हवन में भाग लेकर अपनी मनोकामना पूरी होने की कामना करते हैं।
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