कन्हार से कान्हा तक का सफर… नेशनल पार्क का नाम कान्हा कैसे पड़ा? जानिए पूरा इतिहास

कन्हार से कान्हा तक का सफर… नेशनल पार्क का नाम कान्हा कैसे पड़ा? जानिए पूरा इतिहास


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Kanha National Park: बालाघाट जिले पहले गोंडवाना राजवंशों के अधीन था. इस इलाके की महत्वता और डायवर्सिटी को पहचाना गया. आइए जान लेते हैं इसका कान्हा नाम कैसे पड़ा.

Kanha National Park: बालाघाट जिले के 53 प्रतिशत भूभाग पर वन पाए जाते हैं. ऐसे में जिला पर्यटन के लिहाज से मध्य प्रदेश में अनोखी पहचान रखता है. अब यहां पर एक नेशनल पार्क है, जो न सिर्फ भारत ही नहीं विश्व में भी अलग पहचान रखता है. नेशनल पार्क का नाम कान्हा है, जो बालाघाट और मंडला जिले में स्थित है. यहां पर बारहसिंगा से लेकर बाघ के दीदार के लिए पर्यटक आते हैं. कान्हा नेशनल पार्क भारत का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है, जो 940 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसकी खास बात इसकी डायवर्सिटी है, जो पर्यटकों को खुब आकर्षित करती है, लेकिन आपको पता है कि इसका नाम कान्हा नेशनल पार्क क्यों पड़ा अगर नहीं, तो चलिए हम आपको बताते हैं.

कन्हार से कान्हा तक का सफर
बालाघाट जिले के पर्यटन प्रबंधक रत्नदीप बांगरे के मुताबिक, पहले वह इलाका गोंडवाना राजवंशों के अधीन था. धीरे-धीरे इस इलाके के महत्व और डायवर्सिटी को पहचाना गया. आमतौर पर इस इलाके में कन्हार मिट्टी पाई जाती थी. कन्हार मिट्टी यानी चिकनी दोमट, जिसे लोकल भाषा में कन्हार कहते हैं. ऐसे में पूरे इलाके को कन्हार के नाम से जाना जाता था, लेकिन समय के साथ इसके नाम में बदलाव किया गया और कान्हा नाम रख दिया गया.

साल 1879 में ही कान्हा के संरक्षण की शुरुआत की गई. फिर साल 1880 में बालाघाट और मंडला के इस इलाके पर रुडयार्ड किपलिंग ने अपनी किताब जंगल बुक में पेंच नेशनल पार्क के साथ इस इलाके भी जिक्र किया था. फिर साल 1935 में इसे वन्यजीव अभयारण्य के लिए नामित किया गया. इसके बाद इसे साल 1955 में नेशनल पार्क का दर्जा मिला. वहीं, 1972 में टाइगर रिजर्व भी बनाया गया.

डायवर्सिटी का खजाना है कान्हा नेशनल पार्क
वनस्पति एक्सपर्ट के मुताबिक, कान्हा नेशनल पार्क को चार भागों में बाटा गया है. इसमें घास के मैदान, शुद्ध साल, विविध मिश्रित चौड़ी पत्ती वाले वन और बांस के मिश्रित वन.
इन वन्य प्राणियों का घर कान्हा है. कान्हा नेशनल पार्क में कई तरह के वन्य प्राणियों का दीदार किया जा सकता है. यहां पर आप दुनिया की सबसे बड़ी बिल्ली यानी बाघ, बारहसिंगा, सुस्त भालू, बायसन, पैंगोलिन, लोमड़ी, जैकाल सहित कई दुर्लभ जीवों का घर कान्हा नेशनल पार्क है. इतना ही नहीं यहां पर आपको कई ऐसे पक्षी दिखेंगे, जो आपको कभी नहीं दिखे होंगे.

इस दिन से कर सकेंगे दीदार
अब अक्टूबर का महीना शुरू होते ही आप कान्हा नेशनल पार्क के दीदार के लिए आ सकते हैं. इसके लिए आप ऑनलाइन और ऑफलाइन बूकिंग भी कर सकते हैं. इसके लिए आपको forest.mponline.gov.in पर जाकर अपनी बुकिंग करा सकते हैं या फिर टाइगर रिजर्व के गेट पर भी सीमित पास मिलते हैं.

Deepti Sharma

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re… और पढ़ें

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