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Ujjain News: विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में कई ऐसे देवी मंदिर हैं, जिनकी चर्चा पूरे भारत में होती है. धार्मिक नगरी उज्जैन में शिव के साथ यहां शक्ति भी विराजमान हैं. कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिनको तंत्र क्रिया के लिए विशेष बताया गया है. आइए जानते हैं इन सभी मंदिरों के बारे में…
शिव की नगरी उज्जैन विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के नाम से जानि जाती है. यहां प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. यहां शिव के साथ अलग-अलग रूपों में शक्ति भी विराजमान हैं. 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है. आइए जानते हैं उज्जैन शहर के प्रसिद्ध माता मंदिरों के बारे में.

क्षिप्रा नदी के पास बना देवी हरसिद्धि का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. यह मंदिर महाकाल मंदिर से कुछ ही दूर पर है, जो की देवी हरसिद्धि के नाम से विख्यात है. यह देवी राजा विक्रमादित्य की आराध्य देवी के रूप मे पूजी जाती हैं. मान्यता है विक्रमादित्य नें माता को प्रसन्न करने के लिए 11 बार अपना सर काट कर माता को भेंट कर प्रसन्न किया था. यही से विक्रमादित्य सम्राट बने थे. यह मंदिर तंत्र साधकों के लिए भी विशेष बताया गया है.

शारदीय नवरात्रि मे 9 देवी की अलग-अलग रूप मे पूजा की जाती है. 9 देवियों में से तंत्र साधना के लिए कालिका को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. गढ़कालिका के मंदिर में मां कालिका के दर्शन के लिए रोज हजारों भक्त आते हैं. नवरात्रि में गढ़कालिका देवी के दर्शन मात्र से ही अपार सफलता मिलती है. यह मंदिर भेरावगढ़ में स्थित क्षेत्र है.

महाकाल की नगरी मे यह मंदिर नया पूरा क्षेत्र मे स्थित है. यहां मंदिर 64 योगिनी माता मंदिर के नाम से विख्यात है. ऐसा भी बताते हैं दूर-दूर से यहां तांत्रिक अपनी सिद्धि को जागृत करने आते हैं. इसलिए इस मंदिर को तांत्रिकों का विश्वविद्यालय भी बताया गया है. यहां नवरात्रि में श्रद्धालु दूर दूर से दर्शन करने आते हैं.

यह मंदिर शिप्रा नदी के तट पर है, जो कि भूखी माता के नाम से विख्यात यह मंदिर है. इस मंदिर में पहले नरबलि दी जाती थी. लेकिन अब यहा मन्नत पूरी करने के लिए पशुओं की बलि की दी जाती है. इसलिए दूर-दूर से यहां दर्शन करने आते हैं. नवरात्रि में तो यहां भक्तों का जनसैलाब देखने को मिलता है.

महाकाल की नगरी में भव्य संरचना और धार्मिक आस्था का एक और पवित्र स्थान चौबीस खंबा मंदिर उज्जैन में भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इस मंदिर में नवरात्रि पर बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ देखी जाती है. प्रचलित मान्यता के अनुसार, आस्था का प्रमुख स्थल चौबीस खंबा मंदिर में दर्शन करने से भक्तों के कई बिगड़े काम बन जाते हैं. यहा नवरात्री की अस्टमी पर माता को शराब का भोग भी लगाया जाता है.

उज्जैन में नवरात्रि में अन्य माता मंदिर के दर्शन नगरकोट की रानी माता के बगैर अधूरे माने जाते हैं. वैसे तो इस मंदिर में हर दिन या विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि में यहां सुबह से लेकर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. सुबह और शाम के समय भव्य आरती होती है, तो नगाड़ों, घंटियों की गूंज से वातावरण आच्छादित हो उठता है.

एक और प्रसिद्ध मंदिर की बात करें तो यहां चामुंडा माता चौराहे पर छत्रेश्वरी चामुंडा माता नाम से विख्यात है. यह मंदिर मे लोगों की काफी आस्था है. पांच मंगलवार दर्शन मात्र से श्रद्धालु की मन्नत पूरी होती है. यह मंदिर के नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज हैं.