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हार्दिक पंड्या के ना होने के बावजूद पॉवर प्ले में भारतीय गेंदबाजों ने पाकिस्तान के ओपनर्स को बांधकर रखा. पॉवर प्ले की 36 गेंदों के दौरान पाकिस्तान के बल्लेबाज सिर्फ 45 रन बना पाए. इसके बाद पाकिस्तान के ओपनर्स ने थोड़ा खुल कर खेलना शुरु किया पर 30 गेंदों के बीच अचानक 7 विकेट गिरने से पाकिस्तान की बल्लेबाजी पर ब्रेक सा लग गया. कुलदीप और अक्षर ने मिडिल ओवर्स में अच्छी गेंदबाजी करते हुए पाकिस्तान की कमर तोड़ दी.
नई दिल्ली. पहले ही संभली हुई शुरुआत, फिर रनों पर लगाया अंकुश और फिर काम आया फाइनल का प्रेशर, नतीजा पाकिस्तान की उस ट्रेन को पटरी से उतार दिया जो स्टेशन से छूटी तो एक्सप्रेस की तरह थी पर मिडिल ओवर्स में वो मालगाड़ी में बदल गई जिसको भारतीय स्पिनर्स ने हर स्टेशन पर रुकने पर मजबूर किया. 84 रन पर एक भी विकेट ना गंवाने वाली पाकिस्तान की टीम ने अगले 6 विकेट महज 49 रन पर खो दिए.
चकरी का चक्रव्यूह
साहीबजादा फरहान का बल्ला आग उगल रहा था और फखरजमां बड़ी पारी खेलने का इरादा अपना जाहिर कर चुके थे. तभी गेंदबाजी पर आते है वरुण चक्रवर्ती एक छक्का खाने के बाद आउट करते है अर्धशतक लगाने वाले फरहान को. बस इस बाद मैदान पर ऐसा चक्रवात है जो पाकिस्तानी बल्लेबाजों को पहले क्रीज पर नचाता है और फिर फवेलिएन का रास्ता दिखाता है. महज 22 गेंदों पर पाकिस्तान अपने पांच बल्लेबाजों का मानमर्दन होते देखता है जो मैच का नक्शा बदल देता है. दूसरे स्पेल में गेंदबाजी करने आए कुलदीप ने पाकिस्तान की बल्लेबाजी का कमर तोड़ना शुरु किया फिर उनको सात मिला अक्षर पटेल और वरुण चक्रवर्ती का. जो भी पाकिस्तानी बल्लेबाज क्रीज पर आया वो फिरकी के जाल में उलझता चला गया. अक्षर ने 4 ओवर में 26 रन देकर दो विकेट लिया वहीं कुलदीप ने 4 ओवर में 30 रन देकर 4 विकेट लिए और अपने विकेटों की संख्या इस एशिया कप में 14 कर ली. वरुण ने 4 ओवर में 30 रन देकर 2 विकेट लिए. स्पिन की तिकड़ी ने 12 ओवर में 86 रन देकर 8 विकेट ले गए.
पहली 36 गेंदों ने बनाया दबाव
भारतीय टीम जब बिना हार्दिक पंड्या के मैदान पर उतरी तो लगा कि भारतीय गेंदबाजों को काफी मेहनत करनी पड़ेगी. शिवम दुबे ने पहले ओवर में पाकिस्तानी ओपनर्स को दबाव में रखा और ये तय किया कि पाकिस्तानी ओपनर्स खुलकर नहीं खेल पाएंगे. पहले 6 ओवर में पाकिस्तान के विकेट तो नहीं गिरे पर वो 36 गेंदों पर 45 रन ही बना पाए जिसमें 16 गेंद डॉट रही. जो पाकिस्तान को जरूरत से ज्यादा रिस्क लेकर बल्लेबाजी करने के लिए मजबूर कर गई. फिर क्या ता जैसे ही साहिबजादा फरहान आउट हुए पूरी टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई.