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मैच के दौरान पाकिस्तान के बल्लेबाज़ सलमान आग़ा ने एक रन लेते समय रनिंग के बीच रास्ता बदला, जिसे देख सूर्याकुमार ने तुरंत ‘अब्स्ट्रक्शन द फील्ड’ की अपील ठोक दी. लेकिन रिप्ले में साफ़ दिखा कि आग़ा का इरादा जानबूझकर रास्ता रोकने का नहीं था और अंपायर ने अपील को नकारते हुए उन्हें नॉट आउट करार दिया.
नई दिल्ली. एशिया कप 2025 के फाइनल में जहां हर बॉल पर करोड़ों दिल धड़क रहे थे, वहीं एक पल ऐसा आया जिसने मैच के रोमांच को नैतिकता की बहस में बदल दिया. भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जा रहे इस महा-मुकाबले में सूर्याकुमार यादव ने क्रिकेट की ‘जेंटलमैन गेम’ वाली छवि को लेकर सवाल खड़े कर दिए.
सूर्यकुमार भूल गए खेल भावना
मैच के दौरान पाकिस्तान के बल्लेबाज़ सलमान आग़ा ने एक रन लेते समय रनिंग के बीच रास्ता बदला, जिसे देख सूर्याकुमार ने तुरंत ‘अब्स्ट्रक्शन द फील्ड’ की अपील ठोक दी. लेकिन रिप्ले में साफ़ दिखा कि आग़ा का इरादा जानबूझकर रास्ता रोकने का नहीं था और अंपायर ने अपील को नकारते हुए उन्हें नॉट आउट करार दिया. ये घटना 16वें ओवर की पहली गेंद पर घटी जब पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा अक्षर की गेंद को कवर की तरफ खेलते है और सूर्यकुमार के मिसफील्ड करने के बाद 2 रन भाग जाते है इसी दरमियान सूर्य स्ट्राइकर एंड पर थ्रो करते है अब क्योंकि सलमान की पीठ उनकी तरफ थी तो वो गेंद देख नही रहे थे इसलिए अंपायर उनको नॉटआउट दे देते है.
क्या कहते है नियम ?
ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड के नियम (क्रिकेट नियम 37) के तहत, यदि कोई बल्लेबाज जानबूझकर अपने शब्दों या कार्यों से क्षेत्ररक्षण टीम को बाधा डालता है या उनका ध्यान भटकाता है, तो उसे आउट करार दिया जा सकता है. इसमें गेंद को जानबूझकर अपने पैर या हाथ से मारना, या क्षेत्ररक्षकों के गेंद लेने के रास्ते में जानबूझकर आना शामिल है. यह बल्लेबाज के विकेट को बचाने के इरादे से किया गया हो या नहीं, यह अंपायरों के विवेक पर निर्भर करता है, लेकिन जानबूझकर किया गया हो तो आउट होता है. आपको बता दें कि फील्ड में बाधा डालने के लिए किसी बल्लेबाज को आउट दिए जाने का पहला उदाहरण 1792 में शेफ़ील्ड क्रिकेट क्लब और बेंट्स ग्रीन के बीच इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट मैच में हुआ था. साल 1951 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के लेन हटन मुशफिकुर रहीम से पहले टेस्ट क्रिकेट में ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड आउट दिए जाने वाले एकमात्र बल्लेबाज थे.
पाकिस्तान के 2 बल्लेबाज हो चुके हैं आउट
सीमित ओवरों की क्रिकेट में, साल 1987 में एक वनडे मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 99 रन पर बल्लेबाजी कर रहे पाकिस्तान के रमीज राजा को पारी की आखिरी गेंद पर रन आउट होने से बचने के लिए गेंद की दिशा बदलने के कारण आउट दिया गया था. साल 1989 में श्रीलंका के खिलाफ अहमदाबाद में एकदिवसीय मैच में, भारतीय दिग्गज मोहिंदर अमरनाथ को रन आउट होने से बचने के लिए गेंद को किक मारने के कारण आउट कर दिया गया था. मोहिंदर अमरनाथ के पास ऐसे खिलाड़ी होने की अनूठी उपलब्धि भी है जो हैंडलिंग द बॉल के साथ-साथ फील्ड में बाधा डालने के कारण आउट हुए हैं. आधुनिक समय के महान खिलाड़ियों में से एक, पाकिस्तान के इंजमाम-उल-हक को 2006 में एकदिवसीय मैच में भारत के खिलाफ बल्लेबाजी करते समय स्ट्राइकर एंड पर एक फील्डर द्वारा फेंकी गई गेंद को बल्ले से रोकने के बाद ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड आउट करार दिया गया था.