एमओयू के बाद पहली बैठक, इंदौर ने 100 का लक्ष्य तय किया, ब्यूटीफिकेशन भी होगा
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देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब अपने पड़ोसी देपालपुर को भी स्वच्छता की दौड़ में नंबर 1 बनाने के लिए मैदान में उतर आया है। शनिवार को अनुबंध हुआ और रविवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने देपालपुर में पहली बैठक ली। 10 दिन बाद बड़े स्तर पर सफाई अभियान लॉन्च होगा।
कचरा फेंकने पर 25 हजार जुर्माना और सबसे साफ वार्ड को विधायक की ओर से 11 लाख इनाम दिया जाएगा। महापौर ने कहा शहर की सुंदरता बढ़ाने के लिए यहां के आयरन वेस्ट से ब्यूटीफिकेशन होगा। गोवंश प्रबंधन पर भी खास ध्यान दिया जाएगा। स्थानीय पशु यहीं रहेंगे। बाकी को हातोद गोशाला भेजा जाएगा।
बैठक में विधायक मनोज पटेल, नगर परिषद अध्यक्ष, इंदौर स्वच्छता प्रभारी अश्विनी शुक्ल, निगम अधिकारी और पार्षद मौजूद थे। महापौर ने कहा कि 100 दिन में देपालपुर को स्वच्छ नगर परिषद बनाना है। यह सौ दिन की योजना नहीं बल्कि स्थायी बदलाव की शुरुआत होगी। इंदौर ने देश को स्वच्छता का रास्ता दिखाया है। अब देपालपुर को भी इंदौर के साथ स्वच्छता जोड़ी बनाकर नंबर 1 लाना है। विधायक पटेल ने कहा देपालपुर का प्रसिद्ध पशु मेला सीसीटीवी निगरानी में होगा और प्लास्टिक पर रोक के लिए हर घर तक 25 हजार कपड़े के झोले बांटे जाएंगे।
देपालपुर की मौजूदा तस्वीर
- 20 हजार की आबादी
- 03 हजार मकान
- 15 कुल वार्ड
- 10 टन कचरा प्रतिदिन निकलता है
स्वच्छता रैंकिंग : 1710 (20 हजार से कम आबादी वाले नगर परिषद में) सुविधाएं : 20 टीपीडी कंपोस्ट प्लांट, सीएनडी प्लांट और एक बावड़ी
अभियान की रूपरेखा
- 10 दिन बाद बड़े स्तर पर सफाई अभियान की शुरुआत
- पहले जनजागरूकता, फिर उल्लंघन पर जुर्माना
- संसाधनों और मानव-संसाधन में बढ़ोतरी
- हर नागरिक की भागीदारीपर जोर
‘स्वच्छ शहर जोड़ी’ यानी अच्छा काम करने वाले शहर मेंटर बनकर देंगे सफाई के टिप्स मध्यप्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2.0 के तहत ‘स्वच्छ शहर जोड़ी’ पहल शुरू हो रही है। इसमें राज्य के सुपर स्वच्छ और बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को कमजोर प्रदर्शन करने वाले शहरों के साथ जोड़ा गया है। सफल शहरों की बेस्ट प्रैक्टिस और काम करने का तरीका छोटे और पिछड़े शहरों तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस बार यह किया जा रहा है।
इस योजना के तहत इंदौर को देपालपुर का मेंटर बनाया है। इसी तरह भोपाल-बैरसिया, शाहगंज-बाड़ी, बुदनी-रेहटी, देवास-उज्जैन और ग्वालियर-डबरा की जोड़ी बनी है। उज्जैन भी उन्हेल और सोनकच्छ को मार्गदर्शन देगा। सभी जोड़ी 100 दिन की कार्ययोजना पर काम करेंगी। इनमें कचरा पृथक्करण और परिवहन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज और उपयोगित जल प्रबंधन, मशीनीकृत सफाई, स्वच्छता कर्मचारियों के लिए सुविधाएं और नागरिक प्रतिक्रिया जैसे 8 विषय शामिल हैं।