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Chhatribagh Heritage In Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर में आपको एक से बढ़कर ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन धरोहर देखने को मिल जाएंगी. तो क्या कभी आपने छतरी बाग के बारे में सुना है. अगर नहीं तो चलिए बताते हैं आपको इसके बारे में.
Chhatribagh Heritage In Indore: इंदौर आधुनिकता के साथ ही अपनी प्राचीनता को भी समेटे हुए है और यहां का इतिहास 500 साल से भी ज्यादा पुराना है. यह शहर शुरू से ही व्यापारिक राजधानी रही है और यही वजह है कि आपको इंदौर में ऐतिहासिक स्थल और प्राचीन धरोहर देखने मिल जाएंगी. आज हम आपको एक ऐसी धरोहर छतरी बाग के बारे में बताने जा रहे हैं, जो शहर की सुंदरता में चार चांद लगाता है.
कब हुआ था निर्माण?
मुख्य छतरियां मल्हार राव होलकर की छतरी का निर्माण 1780 में हुआ था. उनका निधन 20 मई, 1766 को हुआ था और यही उनकी समाधि है. उनके अलावा महारानी अहिल्याबाई बाई होल्कर की छतरी का निर्माण 1795 में व महाराजा तुकोजीराव होलकर का निर्माण 1886 में उनके निधन के बाद हुआ था. यहां की छतरियों में मराठा और राजपूत स्थापत्य कला का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है. इनमें जटिल नक्काशीदार स्तंभ, सजावटी छतें और सुंदर गुंबद हैं. मल्हार राव होलकर और महारानी अहिल्याबाई होलकर की छतरियां यहां की सबसे प्रमुख छतरियों में से है.
इंदौर में कहां है छत्रीबाग?
राजवाड़ा से किशनपुरा ब्रिज के पास आप जैसे ही पहुंचते हैं तो वहां सरस्वती नदी के किनारे ये सुंदर छतरियां आपको दिखने लगती हैं. आप यहां कभी भी जा सकते हैं और दिन में मूर्तियों की नक्काशी को निहार सकते हैं. इसके अलावा रात में लाइटिंग जब बिखर जाती है तो इसकी सुंदरता देखते ही बनती है.
Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें
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