डिंडौरी कलेक्टर नेहा मारव्या का 8 महीने में ही ट्रांसफर: अपर सचिव बनीं, अंजू पवन भदौरिया लेंगी जगह; विधायक के विरोध के बाद लगाए जा रहे थे कयास – Dindori News

डिंडौरी कलेक्टर नेहा मारव्या का 8 महीने में ही ट्रांसफर:  अपर सचिव बनीं, अंजू पवन भदौरिया लेंगी जगह; विधायक के विरोध के बाद लगाए जा रहे थे कयास – Dindori News



मध्य प्रदेश शासन ने डिंडौरी कलेक्टर नेहा मारव्या (2011 बैच) का आठ महीने में ही तबादला कर दिया है। उन्हें अपर सचिव बनाकर भोपाल भेजा गया है। उनकी जगह रायसेन जिला पंचायत की सीईओ अंजू पवन भदौरिया (2014 बैच की आईएएस) डिंडौरी की नई कलेक्टर होंगी।

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कलेक्टर नेहा मारव्या के तबादले के कयास लंबे समय से लगाए जा रहे थे। खासकर तब, जब स्थानीय बीजेपी विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने उनकी कार्यप्रणाली का खुलकर विरोध किया था।

विधायक ने क्यों किया था कलेक्टर का विरोध?

शहपुरा से बीजेपी विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने कलेक्टर नेहा मारव्या की कार्यप्रणाली पर दो प्रमुख कारणों से नाराजगी व्यक्त की थी:

  • जनसुनवाई में लापरवाही: 19 अगस्त को विधायक धुर्वे जब कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे तो ग्रामीणों के आवेदनों को देखकर गुस्से में आ गए। ग्रामीणों को जनसुनवाई में बार-बार तारीख पर तारीख मिलने से वे बेहद नाराज़ थे।
  • शिक्षकों के ट्रांसफर: विधायक ने जनजातीय कार्य विभाग में कलेक्टर के निर्देश पर किए गए युक्तियुक्तकरण के तहत बड़े पैमाने पर हुए ट्रांसफर पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा किया था। इन आदेशों के तहत 438 शिक्षकों और 139 हॉस्टल अधीक्षकों का ट्रांसफर प्रभारी सहायक आयुक्त से कराया गया था। विधायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कलेक्टर की इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।

विधायक के विरोध का असर जल्द ही दिखा, जब 21 अगस्त को जनजातीय कार्य विभाग ने कलेक्टर के सभी ट्रांसफर आदेशों को निरस्त कर दिया। विधायक ने इसकी जानकारी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी थी।

बता दें कि कलेक्टर नेहा मारव्या ने 29 जनवरी 2025 को ही डिंडौरी कलेक्टर के रूप में पदभार ग्रहण किया था।



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