भूसा ₹8 किलो, बीज 5000 तो जड़ 50000 रुपये क्विंटल, पहली बार में ही मालामाल बना देगी ये फसल, लागत से 10 गुना लाभ

भूसा ₹8 किलो, बीज 5000 तो जड़ 50000 रुपये क्विंटल, पहली बार में ही मालामाल बना देगी ये फसल, लागत से 10 गुना लाभ


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Agriculture Tips: सागर में जहां किसानों ने पिछली बार 200 एकड़ में इस फसल की खेती थी, वहीं इस बार 500 एकड़ से ज्यादा रकबे में खेती का अनुमान है. जानें क्या चीज है ये…

Sagar News: मध्य प्रदेश में सागर जिले के किसान अब परंपरागत फसलों से हटकर ज्यादा मुनाफा देने वाली औषधीय फसलों की ओर रुख कर रहे हैं. इनमें सबसे आगे अश्वगंधा की खेती है. पिछले वर्ष जिले में लगभग 200 एकड़ में अश्वगंधा बोई गई थी, जिससे किसानों को 50 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक दाम मिले और अच्छा लाभ हुआ. इसी सफलता को देखते हुए इस सीजन में 500 एकड़ से ज्यादा रकबे में इसकी खेती का अनुमान है.

अक्टूबर माह में ही इसकी बुवाई की जाती है, ऐसे में किसान अभी से खेतों की तैयारी में जुट गए हैं. रहली रजवास निवासी किसान प्रशांत पटेल पिछले दो साल से अश्वगंधा की खेती कर रहे हैं और अन्य किसानों को भी निशुल्क जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई और समतलीकरण जरूरी है. इसके बाद कुछ दिन खेत को खाली छोड़ दें, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो सके.

5 महीने में फसल तैयार
किसान ने आगे बताया, फिर सीड ड्रिल के माध्यम से प्रति एकड़ 7 किलो बीज डालें और प्रारंभ में दो बार सिंचाई करें. लगभग 25-30 दिन बाद दोबारा पानी दें और डेढ़ महीने बाद फिर से सिंचाई कर दें. खास बात ये कि इस फसल में न तो ज्यादा खाद की जरूरत होती है और न ही दवा की. यहां तक कि पशु भी इसे नुकसान नहीं पहुंचाते. करीब पांच महीने में फसल तैयार हो जाती है.

बीज, भूसा और जड़ तीनों बकेंगे
पटेल ने बताया कि अश्वगंधा की फसल पर प्रति एकड़ लगभग 20 हजार रुपये की लागत आती है. लेकिन, इसमें बीज, भूसा और जड़ तीनों बिकते हैं. भूसा 8 रुपये किलो और बीज 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिकता है. एक एकड़ से करीब 3 क्विंटल बीज निकलता है जिससे लागत निकल आती है, जबकि इसकी जड़ सबसे अधिक मूल्यवान होती है. जड़ का उत्पादन प्रति एकड़ 3 से 6 क्विंटल तक होता है और इसका भाव 30 हजार से 50 हजार रुपये क्विंटल तक मिलता है.

लागत से 10 गुना लाभ
यानी एक एकड़ अश्वगंधा की खेती से किसान को सवा लाख रुपये तक का मुनाफा हो सकता है, जो लागत से लगभग 10 गुना अधिक है. यही कारण है कि जिले के किसान तेजी से इस फसल की ओर आकर्षित हो रहे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले वर्षों में अश्वगंधा की खेती सागर जिले में औषधीय कृषि का बड़ा केंद्र बन सकती है.

Rishi mishra

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें

एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें

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भूसा ₹8 किलो, बीज 5000 तो जड़ ₹50000 क्विंटल, पहली बार में अमीर बना देगी ये फसल



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