भोपाल में बिना पंजीयन और लाइसेंस के चल रहे निजी अस्पतालों और क्लीनिक्स पर स्वास्थ्य विभाग की सख्ती जारी है। मंगलवार को जहांगीराबाद क्षेत्र में संचालित अलशिफा क्लिनिक को बिना पंजीयन पाए जाने पर बंद करवा दिया गया।
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय की टीम ने जब दोपहर 2 बजे क्लिनिक का निरीक्षण किया तो वहां डॉक्टर मौजूद नहीं थे। क्लिनिक में केवल अकरम खान नामक युवक मिला। उसने टीम को बताया कि क्लिनिक के बोर्ड पर दर्ज नाम डॉ. आर डब्ल्यू बक्शी (एमडी, मेडिसिन) नियमित रूप से क्लिनिक में नहीं आते हैं।
विभाग ने कार्रवाई के बाद क्लिनिक पर ताला लगाया।
दवाइयां और उपकरण जब्त जांच दल को क्लिनिक में एलोपैथिक दवाइयां, ड्रिप सेट, सिरिंज और इंजेक्शन वायल भी मिले। क्लिनिक का न तो कोई पंजीयन था और न ही लाइसेंस। इस पर टीम ने क्लिनिक बंद रखने की चेतावनी दी और पुलिस विभाग, ड्रग कंट्रोलर और प्रशासन को भी सूचना दी।
इन बिंदुओं पर हो रही जांच
- डॉक्टर की डिग्री और काउंसिल पंजीयन
- चिकित्सा पद्धति की वैधता
- मध्यप्रदेश उपचार्यगृह एवं रूजोपचार संबंधी स्थापना अधिनियम का अनुपालन
- बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट अधिनियम
- गुमास्ता लाइसेंस
लगातार जारी रहेगी कार्रवाई सीएमएचओ भोपाल डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें नियमित रूप से जिलेभर में कार्रवाई कर रही हैं। जिन क्लीनिक्स पर अनियमितता पाई जाएगी, उन पर सख्त कार्रवाई होगी और संबंधित विभागों को भी जानकारी दी जाएगी।
मरीजों के लिए जरूरी:
- इलाज के लिए जाते समय डॉक्टर की डिग्री और क्लिनिक का पंजीयन देखना जरूरी है।
- बिना लाइसेंस या पंजीयन वाले अस्पतालों और क्लीनिक्स पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।
- किसी भी संदेह की स्थिति में स्वास्थ्य विभाग या पुलिस को शिकायत करें।