मछलियों को खिला दें यह खास दाना, तेजी से बढ़ेगा वजन… मिलेगा मोटा मुनाफा

मछलियों को खिला दें यह खास दाना, तेजी से बढ़ेगा वजन… मिलेगा मोटा मुनाफा


Best Feed For Fish Growth: खंडवा जिले में नंदकिशोर पटेल मछली पालन से जुड़े किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर उभरे हैं, जो बीते कई वर्षों से मछली पालन के क्षेत्र में सक्रिय हैं. उन्होंने एक ऐसा प्रोटीन युक्त विशेष दाना तैयार किया है, जो मछलियों के वजन को तेजी से बढ़ाता है और उन्हें सेहतमंद भी बनाता है. इसका सीधा असर मछली पालकों की आमदनी पर पड़ रहा है, जो अब पहले से कहीं ज्यादा कमाई कर रहे हैं.

नंदकिशोर पटेल ने अपने अनुभव और प्रयोगों के आधार पर यह पाया कि बाजार में मिलने वाला दाना अक्सर मछलियों की जरूरतों को पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाता है. इससे उनका विकास धीमा हो जाता है और उत्पादन भी कम होता है. इसी समस्या का हल खोजते हुए उन्होंने एक घरेलू फार्मूले पर काम शुरू किया. इस विशेष दाने की सबसे बड़ी खासियत है कि यह पूरी तरह प्राकृतिक और स्थानीय सामग्री से तैयार होता है. इसमें गेहूं, मक्का, सोयाबीन, चावल की भूसी, सरसों की खली और अन्य पौष्टिक तत्वों का समावेश होता है. यह सभी सामग्री प्रोटीन से भरपूर होती है, जो मछलियों के तेज विकास में सहायक बनती है.

मछलियों के लिए दाना कितना फायदेमंद?
पटेल के मुताबिक, मछलियों को यह दाना नियमित रूप से खिलाने पर उनका वजन सामान्य से दोगुनी गति से बढ़ता है, जहां पहले एक किलो मछली तैयार करने में छह से आठ महीने लग जाते थे, अब वहीं काम चार से पांच महीने में ही संभव हो रहा है. इससे किसानों को न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि उत्पादन लागत भी घट रही है. एक ओर जहां यह दाना मछलियों की सेहत के लिए फायदेमंद है, वहीं दूसरी ओर इसकी लागत भी बाजार में मिलने वाले तैयार दानों की तुलना में काफ़ी कम है. किसान इसे अपने स्तर पर भी तैयार कर सकते हैं, जिससे उन्हें बाहर से दाना खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है.

नंदकिशोर पटेल ने आगे बताया कि इस दाने की तैयारी में खास ध्यान दिया जाता है कि यह पूरी तरह संतुलित आहार हो. मछलियों के विकास के लिए जरूरी सभी तत्व जैसे प्रोटीन, फाइबर, वसा और कार्बोहाइड्रेट्स इसमें मौजूद होते हैं. इसके अलावा यह दाना पानी में जल्दी नहीं घुलता, जिससे मछलियों को पर्याप्त समय तक भोजन मिल पाता है और पानी भी प्रदूषित नहीं होता है. मछली पालकों के बीच इस दाने की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. खंडवा के आसपास के क्षेत्रों में कई किसान अब नंदकिशोर पटेल के मार्गदर्शन में मछली पालन कर रहे हैं और इस विशेष दाने का उपयोग कर मोटी कमाई कर रहे हैं. इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी मिला है.

कम लागत में अधिक उत्पादन
पटेल का मानना है कि मछली पालन में सफलता पाने के लिए सही तकनीक और संतुलित आहार सबसे महत्वपूर्ण हैं. अगर किसान वैज्ञानिक तरीके अपनाएं और उचित आहार दें, तो कम लागत में अधिक उत्पादन संभव है. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर किसान इस व्यवसाय को और अधिक विस्तार दे सकते हैं. वर्तमान में पटेल के पास कई युवा किसान प्रशिक्षण लेने आ रहे हैं, जो मछली पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाना चाहते हैं. वे उन्हें न केवल दाना तैयार करने की विधि सिखाते हैं, बल्कि जल प्रबंधन, मछलियों की देखभाल और बाजार से जुड़ी जानकारी भी साझा करते हैं.

इस प्रेरणादायक प्रयास से यह साफ है कि अगर किसान अपने अनुभव और स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग करें, तो वे किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. नंदकिशोर पटेल का यह मॉडल न केवल खंडवा, बल्कि देशभर के मछली पालकों के लिए एक मिसाल बन चुका है. अगर देश के अन्य हिस्सों में भी किसान इस प्रकार के प्रयोग करें और इनोवेशन को अपनाएं, तो मछली पालन एक बड़ा रोजगार और आमदनी का जरिया बन सकता है. प्रोटीन युक्त यह खास दाना न केवल मछलियों की सेहत सुधारता है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करता है.

निष्कर्ष
नंदकिशोर पटेल जैसे किसानों की सोच और मेहनत यह साबित करती है कि जैविक और देसी तरीकों से भी मछली पालन में नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं. यह दाना मछलियों के विकास के साथ-साथ किसानों के भविष्य को भी मज़बूत बना रहा है.



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