दतिया जिले के उनाव पंचायत से करीब दो किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित लमान माता मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर शक्ति की नौ रूपों में से एक कुष्मांडा देवी को समर्पित है। खासतौर पर नवरात्रि के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। युवाओं म
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कुष्मांडा देवी का विशेष रूप मानी जाती हैं लमान माता
लमान माता को कुष्मांडा देवी का ही रूप माना जाता है। मंदिर के पुजारी संत मनोज चतुर्वेदी पिछले 22 वर्षों से इसी स्थान पर पूजा-पाठ और साधना कर रहे हैं। वे बताते हैं कि माता यहां बहुत जल्दी प्रसन्न होती हैं और सच्चे मन से प्रार्थना करने वाले भक्तों को मनचाहा फल मिलता है।
साधना और चमत्कारों का स्थल
स्थानीय लाेगों के अनुसार, मंदिर सिर्फ आस्था का नहीं, बल्कि कई चमत्कारी घटनाओं का भी गवाह रहा है। पुराने समय में यहां संत दामोदरदास महाराज ने तप किया था। लोककथाओं के अनुसार, उन्होंने यहां तंत्र विद्या के माध्यम से मृत्यु के बाद पुनर्जीवन जैसा अद्भुत चमत्कार किया था। आज भी उनकी समाधि मंदिर परिसर में स्थित है, जहां लोग दर्शन के लिए आते हैं।
“नौकरी देने वाली देवी” के रूप में प्रसिद्ध
लमान माता मंदिर को स्थानीय लोग “नौकरी देने वाली देवी” के नाम से भी जानते हैं। आसपास के 8–10 गांवों में लमान माता को कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। इंदौर, देवास जैसे शहरों में रहने वाले प्रवासी भी विवाह या शुभ अवसरों पर माता के दर्शन करने जरूर आते हैं।
मंदिर तक पहुंचना अब हुआ आसान
पहले इस मंदिर तक पहुंचने का रास्ता बहुत कठिन था, लेकिन अब सड़क पक्की हो चुकी है, जिससे हर मौसम में यहां पहुंचना आसान हो गया है। मंदिर परिसर में काली माता, भैरव बाबा, दुर्गा जी और संतोषी माता की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं, जो इस स्थान को एक संपूर्ण शक्ति पीठ का रूप देती हैं।
भक्त को गड्ढे से बाहर निकालने की कथा
समिति के सदस्याें ने बताया कि मंदिर से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, माता ने एक भक्त को गहरे गड्ढे से निकालकर उसकी जान बचाई थी और उसकी नेत्रहीन आंखों को दृष्टि प्रदान की थी। यह कथा आज भी श्रद्धालुओं के बीच आस्था को और गहरा करती है।
आस्था, साधना और विश्वास का केंद्र
लमान माता का यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, सिद्धि और साधना का संगम है। यहां हर वर्ग, हर उम्र के लोग आते हैं—खासकर युवा, जो अपने जीवन में सफलता की कामना लेकर माता के चरणों में शीश झुकाते हैं।