सिंगरौली नगर निगम में अध्यक्ष देवेश पांडे (भाजपा) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू हो गई है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के कुल 22 पार्षद आज एक साथ कलेक्टोरेट पहुंचे और कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला से मुलाकात कर इस संबंध म
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विपक्षी पार्षदों का आरोप: विकास कार्यों में बाधा और न्याय न मिलना
पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडे अन्य दलों के पार्षदों के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ रहा है। पार्षद शेखर सिंह ने कहा कि वे लगातार अपने वार्डों के विकास के मुद्दे परिषद में लाते हैं, लेकिन अध्यक्ष पांडे उन्हें वापस परिषद में भेजकर मामले को उलझा देते हैं। उन्होंने बताया कि यह कई साल से हो रहा है, जिससे पार्षदों में गहरा असंतोष है और वे अध्यक्ष को बदलना चाहते हैं।
एक अन्य पार्षद अखिलेश सिंह ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष विकास के मुद्दों पर बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। खासकर उन वार्डों में जहाँ दूसरे दलों के पार्षद हैं। उन्होंने कहा, “यह हमारी मजबूरी है कि हमें अविश्वास लाना पड़ रहा है।”
कलेक्टर ने दिया 3 अक्टूबर का समय, बहुमत जुटाने का दावा
पार्षदों ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला से मुलाकात की है। कलेक्टर ने उन्हें 3 अक्टूबर का समय दिया है, जिस दिन अविश्वास प्रस्ताव में शामिल सभी 22 पार्षदों के बयान दर्ज किए जाएंगे और उसके बाद निगम एक्ट के तहत प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी।
पार्षद परमेश्वर पटेल ने बहुमत जुटाने का दावा करते हुए कहा कि उन्हें 45 वार्ड के पार्षदों के हिसाब से वोटिंग के दिन 32 पार्षदों की जरूरत होगी, जो उन्हें मिल जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ कांग्रेस, आप और बीएसपी के ही नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ पार्षद भी अध्यक्ष को हटाने के लिए उनके पक्ष में वोट करेंगे।
नगर निगम अध्यक्ष ने आरोपों को नकारा: “राजनीति में कुछ भी संभव है”
इस मामले में जब नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडे से बात की गई तो उन्होंने आरोपों को नकारते हुए कहा, “मेरी नजर में सभी पार्षद एक बराबर हैं। मैं सभी का अध्यक्ष हूं।” उन्होंने आगे कहा, “बाकी राजनीति है, राजनीति में कुछ भी किया जा सकता है। वे स्वतंत्र हैं, लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है।”