शारदीय नवरात्र का आठवां दिन मां महागौरी की आराधना को समर्पित है. सोमवार को पूरे जिले के दुर्गा पंडालों और मंदिरों में मां की विशेष पूजा-अर्चना हुई. भक्तों ने घट स्थापना, जावारे और अखंड ज्योत के साथ मां को नमन किया. सुबह से ही शहरभर के पंडालों और मंदिरों में श्रद्धालु जुटने लगे और महाअष्टमी पूजन की तैयारी शुरू हो गई.
ज्योतिष आचार्य पंडित मधुसूदन शर्मा ने बताया कि मां महागौरी सौम्यता और शांति की प्रतीक हैं. देवी का स्वरूप शुभ्र और तपस्विनी माना जाता है. उनकी उपासना से मानसिक शांति, आत्मबल और जीवन की सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है. आचार्य के अनुसार, “महागौरी की कृपा से भक्त के जीवन से हर तरह के दुख दूर हो जाते हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है.”
कन्या पूजन का महत्व
महाअष्टमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है. श्रद्धालु छोटी कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर घर बुलाते हैं, उन्हें पूजते हैं, पैर धोते हैं और भोजन व उपहार देकर विदा करते हैं. इसे ‘कन्या भोज’ भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है.
पूरे जिले में उत्सव का माहौल
नरसिंहपुर में जगह-जगह बने दुर्गा पंडालों में भक्तों ने मां महागौरी को विशेष महाभोग अर्पित किया. मंदिरों में सुबह से ही घंटा-घड़ियाल बजते रहे और मां के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया. पंडालों में घट कलश और जावारे की स्थापना के साथ अखंड ज्योत जल रही है, जो नवरात्रि की पवित्रता और आस्था का प्रतीक है.
मानसिक और आत्मिक शांति का संदेश
पंडित शर्मा ने कहा कि मां महागौरी की पूजा करने से आत्मिक बल तो मिलता ही है, साथ ही मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है. भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन के कष्टों से मुक्ति की कामना के साथ आराधना करते हैं.
अगला पर्व महानवमी
नवरात्रि का यह पावन पर्व अब अपने अंतिम दिनों की ओर है. मंगलवार को महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी. भक्तों ने बताया कि मां महागौरी की आराधना और कन्या पूजन के बाद अब वे नवमी पर भी विशेष अनुष्ठान की तैयारी कर रहे हैं.
September 30, 2025 09:20 IST
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