घर में बनाया रावण का मंदिर, ‘मुस्कुराते’ दशानन की सालभर होती है पूजा

घर में बनाया रावण का मंदिर, ‘मुस्कुराते’ दशानन की सालभर होती है पूजा


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Chhatarpur News: रामप्रसाद अहिरवार ने लोकल 18 से कहा कि जब वह बिहार के गया से लौटे, तो उन्हें घर में रावण का मंदिर बनाने का विचार आया. उन्होंने साल 2017 में मंदिर बनवाया. उन्होंने अभी तक जितना भी दशानन के बारे में पढ़ा या समझा है, उससे पता चलता है कि वह बुरा नहीं था.

छतरपुर. मध्य प्रदेश में एक जगह रावण की पूजा होती है. छतरपुर जिले से लगभग 100 किमी दूर पहरा गांव में 80 साल के एक रिटायर्ड टीचर ने अपने घर में लंकापति रावण (Ravan Temple) का मंदिर बनाया है और वह सालभर दशानन की विधिवत पूजा करते हैं. मंदिर में 10 सिर और हाथ में धनुष-बाण लिए हुए दशानन की बड़ी प्रतिमा लगी हुई है. लंकापति की यह प्रतिमा मुस्कुराते हुए आशीर्वाद देने की मुद्रा में है.

सेवानिवृत्त शिक्षक रामप्रसाद अहिरवार ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि वह 1966 में शिक्षक बने थे और साल 2006 में रिटायर्ड हो गए. बिहार के गया से लौटने के बाद उन्हें घर में रावण का मंदिर बनाने का विचार आया और उन्होंने साल 2017 में मंदिर बनवाया. रामप्रसाद का कहना है कि उन्हें रावण पसंद है. उन्होंने अभी तक जितना भी रावण के बारे में पढ़ा या समझा है, उससे पता चलता है कि रावण बुरा नहीं था. इसी वजह से वह रावण से इतने प्रभावित हुए और उन्होंने अपने घर में रावण का मंदिर बनाने और उसकी पूजा करने का निर्णय लिया.

रावण का मंदिर बनाने के पीछे तर्क
रामप्रसाद आगे कहा कि लोग कुबेर भगवान को पूजते हैं लेकिन उनके भाई रावण को नहीं पूजते. सभी रावण को जलाने में लगे रहते हैं. उनका दावा है कि जिस दिन लोगों को सही-गलत का अहसास हो जाएगा, वे रावण का पुतला जलाना बंद कर देंगे.

रावण को मानते हैं पराक्रमी राजा
रावण की पूजा करने को लेकर रामप्रसाद का कहना है कि रावण एक पराक्रमी राजा था. उसने इंद्र को जीता था. वह भगवान शिव का प्रिय भक्त था. शुरुआती दिनों में रावण को हिंसा भी पसंद नहीं थी.

रावण को नहीं मानते दोषी
रामप्रसाद के अनुसार, रावण वीर, पराक्रमी और बुद्धिमान था. लक्ष्मण ने जब रावण की बहन शूर्पणखा की नाक काटी, तो बदले में रावण भी सीता के साथ ऐसा कर सकता था लेकिन उन्होंने सीता को अपने यहां सुरक्षित रखा. राम ने रावण की बहन के साथ गलत किया, इसलिए रावण से ज्यादा राम दोषी हैं.

Rahul Singh

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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