Last Updated:
Asia Cup Trophy Controversy: मोहसिन नकवी को बीसीसीआई की सख्ती के बाद हार माननी पड़ी. ऐसे में एशिया कप ट्रॉफी अब नकवी के चंगुल से बाहर आकर एसीसी के दफ्तर पहुंच चुकी है. खबर है कि यह जल्द ही वापस भारत आ सकती है.
नई दिल्ली. भारत के सभी फैन्स को एशिया कप ट्रॉफी वापस हिन्दुस्तान आने का इंतजार है. एसीसी चीफ मोहसिन नकवी इसपर कब्जा जमाए बैठे थे. सीएनएन-न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया कि एशिया कप ट्रॉफी एशियन क्रिकेट काउंसिल यानी एसीसी के दुबई स्थित रीजनल ऑफिस पहुंच गए हैं. सूत्रों ने बताया कि ट्रॉफी या तो औपचारिक रूप से भारत भेज दी जाएगी या दुबई में किसी भारतीय अधिकारी को सौंप दी जाएगी, जो इसे वापस ले आएंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में ट्रॉफी भारत आ सकती है. बताया गया कि नकवी मंगलवार तक दुबई में ही थे.
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब इस तरह की खबरें सामने आई कि बीसीसीआई मोहसिन नकवी को एशियान क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष पद से हटाने के लिए महाभियोग चलाने का मन बना चुका है. एसीसी की बैठक काफी हंगामेदार रही और बीसीसीआई ने ट्रॉफी नहीं देने पर इसे लेकर दुबई पुलिस में शिकायत देने का मन भी बना लिया था.
भारत ने नहीं ली थी नकवी से ट्रॉफी
मोहसिन नकवी पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार में गृह मंत्री होने के साथ-साथ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष भी हैं. एशिया कप फाइनल में भारत की जीत के बाद टीम इंडिया ने नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने से मना कर दिया था. इसके बाद वो तय औपचारिक प्रोटोकॉल की अनदेखी करते हुए एशिया कप ट्रॉफी और मेडल लेकर चले गए.
नकवी ने तोड़ डाले सारे नियम-कानून
भारत ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह कदम एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के टूर्नामेंटों की अखंडता को कमजोर करता है और एसीसी चीफ के न्यूट्रल और निष्पक्ष खेल के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. अधिकारियों ने बताया कि नकवी की दोहरी भूमिकाएं स्पष्ट रूप से हितों के टकराव को जन्म देती हैं और क्रिकेट प्रशासन का राजनीतिकरण करती हैं और एसीसी की निष्पक्ष शासन व्यवस्था की आवश्यकता के विपरीत हैं.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें