हत्या के आरोपी पुलिसकर्मी-जेलर मिल नहीं रहे; भास्कर ढूंढ लाया: ऑनड्यूटी पुलिसकर्मी-जेलर को नहीं मिलना बता रही भोपाल क्राइम ब्रांच; कैदी की मौत में आरोपी हैं – Bhopal News

हत्या के आरोपी पुलिसकर्मी-जेलर मिल नहीं रहे; भास्कर ढूंढ लाया:  ऑनड्यूटी पुलिसकर्मी-जेलर को नहीं मिलना बता रही भोपाल क्राइम ब्रांच; कैदी की मौत में आरोपी हैं – Bhopal News


भोपाल सेंट्रल जेल के कैदी मोहसिन खान(24) की मौत को दस साल गुजर चुके हैं। इस दौरान कोर्ट में लंबी लड़ाई के बाद उसकी मां सीमा खान 4 बार आरोपी पुलिसकर्मी सहित तत्कालीन जेलर और डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर के आदेश करा चुकी हैं। हर बार कोर्ट के आदेशों के खिलाफ अ

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16 जून 2025 को एफआईआर के आदेश के बाद रिवीजन पिटिशन फाइल की गई थी। चंद दिनों बाद रिवीजन पिटिशन पर सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रीति साल्वे की कोर्ट ने सभी आरोपियों को बड़ा झटका दिया था।। कोर्ट ने सभी आरोपी पुलिसकर्मियों की रिवीजन याचिका को निरस्त कर दिया। कोर्ट 16 जून से अब तक दो बार आरोपियों को अनिवार्य रूप से न्यायालय में पेश करने के लिए वारंट जारी कर चुकी है।

वारंट तामीली का जिम्मा क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। सभी आरोपी फील्ड में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन पुलिस को आरोपी नहीं मिले। कोर्ट में दिए जवाब में सभी आरोपियों को घर से लापता और ड्यूटी से अवकाश पर होना बताया गया। जबकि दैनिक भास्कर की इन्वेस्टिगेशन में वही आरोपी ड्यूटी करते कैमरे में कैद हुए।

पुलिसकर्मी चिरोंजीलाल यादव भास्कर के कैमरे में ऑन ड्यूटी कैद हुए हैं।

पहले जानिए, क्राइम ब्रांच की ओर से आरोपियों के वारंट के एवज में क्या जवाब दिए गए…

1. आरोपी प्रधान आरक्षक एहसान खान: पुलिसकर्मी ने जवाब में लिखा- श्रीमान, आरोपी के दिए गए निवास पते पर तलाश किया गया, जहां से उसकी रक्षित केंद्र भोपाल में पदस्थ होने की जानकारी मिली। रक्षित केंद्र जाने पर पता चला कि एहसान तीन दिवस की छुट्टी पर है। तब आरोपी को उसके मोबाइल नंबर पर कॉल कर पेशी की जानकारी दी गई। अतः श्रीमान, सेवा में अदम तामील वारंट प्रस्तुत है।

2. आरोपी प्रधान आरक्षक मुरली कुमार जटिया: पुलिसकर्मी का जवाब- श्रीमान, आरोपी को दिए गए पते पर तलाश किया गया। वहां से उसकी रक्षित केंद्र भोपाल में पदस्थ होने की जानकारी मिली। रक्षित केंद्र पहुंचने पर पता चला कि आरोपी दो दिवस की छुट्टी पर है। अतः श्रीमान, सेवा में अदम तामील वारंट प्रस्तुत है। (जबकि मुरली लंबे समय से मौखिक अटैचमेंट आदेश पर क्राइम ब्रांच में ही ड्यूटी कर रहा है।)

3. आरोपी एएसआई दिनेश खजूरिया: पुलिसकर्मी का जवाब- श्रीमान, आरोपी के पते पर गया, जहां उसके रक्षित केंद्र में पदस्थ होने की जानकारी मिली। रक्षित केंद्र में जाने पर पता चला कि वह छुट्टी पर है, तब वारंट अदम तामील किया गया।​​​

4. आरोपी टीआई मनीषराज सिंह भदौरिया: पुलिसकर्मी का जवाब- श्रीमान, दिए गए पते पर गया, जहां से आरोपी की तैनाती रक्षित केंद्र में होने की जानकारी मिली। रक्षित केंद्र में जाने पर पता चला कि भदौरिया सिक लीव पर हैं। वारंट अदम तामील किया गया।

5. आरोपी डीएल यादव: पुलिसकर्मी का जवाब- श्रीमान, दिए गए पते पर गया, लेकिन पता नहीं मिला। टीटी नगर थाने में पहुंचा, जहां स्टाफ ने जानकारी दी कि इस नाम का यहां कोई नहीं है। वर्तमान पदस्थापना की कोई जानकारी नहीं है। वारंट अदम तामील किया गया और सेवा में प्रस्तुत किया गया। (इस आरोपी को लेकर विभाग में जानकारी स्पष्ट नहीं है।)​​​​​

6. आरोपी डॉक्टर आरएन साहू: पुलिसकर्मी का जवाब- श्रीमान, दिए गए पते पर तलाश किया। कोहेफिजा स्थित साहू के अस्पताल पहुंचे, जहां रिसेप्शनिस्ट से बात की गई। उन्होंने डॉक्टर के शहर से बाहर होने की जानकारी दी। तब आर्ती नाम की नर्स को पेशी की तारीख नोट कराई। जमा वारंट अदम तामील श्रीमान की सेवा में पेश किया गया।

7. आरोपी एएसआई चिरोंजीलाल यादव: पुलिसकर्मी का जवाब- श्रीमान, जमानती वारंट की तामीली के लिए थाना टीटी नगर गया, जहां बताया गया कि यादव का ट्रांसफर हो गया है। कहां हुआ इसकी जानकारी नहीं है। उसके निवास पते गोविंदपुरा पुलिस लाइन पर पहुंचे, जहां ताला लगा मिला। पड़ोसियों से पूछने पर पता चला कि दो दिन से घर में ताला लगा है। उनकी वर्तमान पदस्थापना थाना सूखी सेवनिया में है। थाना सूखी सेवनिया में पहुंचने पर बताया गया कि चिरोंजी साहब बीमार हैं और सिक पर हैं। इसकी रिपोर्ट प्राप्त कर थाना वापस आया और श्रीमान की सेवा में अदम तामील पेश किया गया।

(वहीं, चिरोंजी 13 सितंबर 2025 की रात करीब 8:00 से 9:10 बजे तक ऑन ड्यूटी भास्कर के कैमरे में कैद हुए। वे सूखी सेवनिया इलाके में हुई एक बड़ी चोरी की जांच के संबंध में बीकानेर स्वीट्स, भोपाल मेमोरियल अस्पताल के पास सीसीटीवी कैमरे चेक करते कैद हुए। इसके बाद अपनी बाइक से थाना सूखी के लिए रवाना हुए।)

8. आरोपी जेलर आलोक बाजपेयी: पुलिसकर्मी का जवाब- दिए गए पते पर जिला राजगढ़ गया, जहां पता चला कि जेलर इन दिनों अवकाश पर हैं। अतः श्रीमान की सेवा में अदम तामीली पेश की गई। (वहीं, 9 अगस्त 2025 को राजगढ़ जेल की ओर से जेल में कार्यक्रम के दौरान फोटो जारी किया गया, जिसमें जेलर आलोक बाजपेयी ऑन ड्यूटी थे और अपनी कुर्सी पर नजर आए।​)​​​​​​

आरोपी डीएल यादव को लेकर संशय

जानकारी के मुताबिक, क्राइम ब्रांच ने इस केस में कुल 8 आरोपी बनाए हैं। लेकिन एक आरोपी डीएल यादव को लेकर विभाग असमंजस में है। यादव की तलाश में गए पुलिसकर्मियों का उसका पता नहीं मिला। साथ ही टीटी नगर स्टाफ ने भी उसकी कोई जानकारी होने से इनकार किया।

डीजीपी के आदेश को नजरअंदाज कर तैनाती

जुलाई महीने में डीजीपी कैलाश मकवाणा ने आदेश जारी किए थे कि किसी भी तरह के आपराधिक प्रकरण में फंसे पुलिसकर्मियों को फील्ड से हटाकर लूप लाइन में भेजा जाए। इन आदेशों को दरकिनार करते हुए, भोपाल ग्रामीण के सूखी सेवनिया में पदस्थ एएसआई चिरोंजीलाल यादव को जिम्मेदार अधिकारियों ने नहीं हटाया। इसी प्रकार, मुरली को दिखावे के लिए लाइन हाजिर तो किया गया, लेकिन मौखिक अटैचमेंट पर आज भी क्राइम ब्रांच में नौकरी कर रहा है। मोहसिन की मौत के समय दस साल पहले भी यहीं पदस्थ था और इसकी नौकरी का अधिकांश समय यहीं बीता।

मृतक कैदी मोहसिन खान, जिसका केस उसकी मां लड़ रही है।

मृतक कैदी मोहसिन खान, जिसका केस उसकी मां लड़ रही है।

अब जानिए, केस में किसकी क्या है भूमिका…

3 आरक्षकों ने गिरफ्तार किया था

क्राइम ब्रांच में बतौर आरक्षक पदस्थ मुरली, चिरोंजीलाल, अहसान खान और दिनेश खजूरिया ने लूट के एक मामले में मोहसिन खान को उसके घर से गिरफ्तार किया था। इन आरक्षकों में से तीनों ने क्राइम ब्रांच थाने में मोहसिन खान से लूट के मामले में पूछताछ की थी।

बाएं से हेड कॉन्स्टेबल मुरली कुमार क्राइम ब्रांच और हेड कॉन्स्टेबल एहसान खान पर मोहसिन को घर से पूछताछ के लिए ले जाने का आरोप है।

बाएं से हेड कॉन्स्टेबल मुरली कुमार क्राइम ब्रांच और हेड कॉन्स्टेबल एहसान खान पर मोहसिन को घर से पूछताछ के लिए ले जाने का आरोप है।

लूट में आरोपी बनाया

टीटी नगर थाने में बतौर टीआई पदस्थ मनीष राज सिंह भदौरिया ने लूट के एक मामले में मोहसिन को फर्जी तरीके से आरोपी बनाया था। साथ ही, घायल हालत में थाने में पहुंचे मोहसिन के साथ मारपीट की गई।

आरोपी टीआई मनीष राज सिंह भदौरिया और आरोपी एसआई दिनेश खजुरिया।

आरोपी टीआई मनीष राज सिंह भदौरिया और आरोपी एसआई दिनेश खजुरिया।

मनोरोगी बताकर ग्वालियर रेफर किया

हमीदिया अस्पताल के मनोरोग विभाग में पदस्थ रहे डॉक्टर आरएन साहू पर आरोप है कि उन्होंने केंद्रीय जेल भोपाल में बंद कैदी मोहसिन खान को मनोरोगी घोषित किया, जबकि वह स्वस्थ था। इसके अलावा, उसे मनोरोगी बताकर घायल हालत में ग्वालियर स्थित जयारोग्य हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के लिए रेफर किया गया।

डॉक्टर आरएन साहू पर मोहसिन को मनोरोगी घोषित करने का आरोप है।

डॉक्टर आरएन साहू पर मोहसिन को मनोरोगी घोषित करने का आरोप है।

ज्यूडिशियल कस्टडी में मारपीट

केंद्रीय जेल भोपाल के तत्कालीन जेलर आलोक वाजपेयी पर आरोप है कि लूट के मामले में कोर्ट द्वारा ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजे गए मोहसिन खान को इलाज मुहैया नहीं कराया और उसे जेल में पिटवाया। इसके अलावा, जेल में दाखिले के वक्त के सीसीटीवी फुटेज कोर्ट को मुहैया नहीं कराए गए।

तत्कालीन जेलर आलोक वाजपेयी 9 अगस्त 2025 को जेल में कार्यक्रम के दौरान ऑन ड्यूटी अपनी कुर्सी पर नजर आए।

तत्कालीन जेलर आलोक वाजपेयी 9 अगस्त 2025 को जेल में कार्यक्रम के दौरान ऑन ड्यूटी अपनी कुर्सी पर नजर आए।

परिजन छुड़ाने पहुंचे तब 2 लाख रुपए मांगे

फैसला आने के बाद एडवोकेट आमिरउल्ला खान ने बताया- मोहसिन के परिजन का आरोप था कि 3 जून 2015 को क्राइम ब्रांच भोपाल के सिपाही मुरली, दिनेश खजूरिया, एहसान और चिरोंजी मोहसिन को पूछताछ के लिए ले गए। जब परिजन उसे छुड़वाने क्राइम ब्रांच थाने पहुंचे, तो उनसे दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई।

क्राइम ब्रांच के बाद पुलिस ने मोहसिन पर टीटी नगर थाने में लूट का झूठा आरोप लगाकर उसे अदालत में पेश कर जेल भिजवा दिया। इससे पहले क्राइम ब्रांच और टीटी नगर थाने में उसके साथ मारपीट भी की गई थी।

परिजनों का आरोप है कि मोहसिन के प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया गया था, जिसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट में हुई। जेल में भी जेलर पर उसके साथ मारपीट करने के आरोप परिजन ने लगाए थे। यह जानकारी मोहसिन ने अपनी आखिरी मुलाकात में न्यायिक हिरासत में रहते हुए परिजनों को दी थी।

कौन था मोहसिन खान

मोहसिन खान टीला जमालपुरा के इंद्रा नगर में रहता था। घर के नीचे ही डीजे ऑपरेटिंग का ऑफिस संचालित करता था। उसके खिलाफ लूट, मारपीट और हत्या के प्रयास जैसे 8 केस दर्ज थे।



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