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Burhanpur News: बुरहानपुर के शिवा किशोर चनाले बचपन में पिता संग चॉकलेट के लालच में अस्पताल जाते थे. वहीं से सीखा पोस्टमार्टम करना. अब 16 साल से जिला अस्पताल में हजारों शवों का पोस्टमार्टम कर चुके हैं.
मोहन ढाकले / बुरहानपुर: अक्सर बच्चे अपने पिता से व्यापार या कोई हुनर सीखकर आगे बढ़ते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के रहने वाले शिवा किशोर चनाले ने अपने पिता से ऐसा काम सीखा जिसे सुनकर कोई भी हैरान रह जाएगा. आज शिवा को जिले में लोग ‘पोस्टमार्टम मेन’ के नाम से पहचानते हैं.
समय बीता और पिता का निधन हो गया. घर की जिम्मेदारियां कंधों पर आ गईं. पिता के जाने के बाद शिवा और उनके भाई ने जिला अस्पताल का पोस्टमार्टम कक्ष संभाल लिया. तब से लेकर आज तक, पूरे 16 सालों से शिवा लगातार बुरहानपुर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम की सेवा दे रहे हैं.
आज शिवा की उम्र 35 साल है. वे बताते हैं कि उन्होंने 16 साल की उम्र में ही पहली बार पोस्टमार्टम किया था. तब से अब तक हजारों शवों का पोस्टमार्टम कर चुके हैं. यह काम जितना मुश्किल है, उतना ही जिम्मेदारी भरा भी. शिवा कहते हैं, “यह काम आसान नहीं है, लेकिन यह हमारे परिवार की जिम्मेदारी बन गई. आज इसी काम से मैं अपने घर का पालन-पोषण कर रहा हूं.”
पोस्टमार्टम का काम करने वाले लोग अक्सर समाज की नजरों में अलग दिखाई देते हैं. लेकिन शिवा किशोर चनाले ने इसे अपनी रोजी-रोटी और सेवा का माध्यम बना लिया है. लोग उन्हें सम्मान से पोस्टमार्टम मेन कहकर बुलाते हैं. उनकी कहानी साबित करती है कि मेहनत और हिम्मत से इंसान कोई भी काम सीख सकता है, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न लगे.
Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें
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