मप्र में वर्ष 2024 में 56,669 सड़क हादसों में 14,791 लोगों की मौत हुई है, वहीं 49,468 घायल हुए। सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आंकड़ा वर्ष 2023 की तुलना में 7.2% अधिक है। वहीं हादसों में 2.4% की बढ़ोतरी हुई है। साल 2023 में 55,327 सड़क हादसों में 13,
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खास बात है कि मप्र में हादसों और इनमें होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है, वहीं ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वालों पर चालानी कार्रवाई में वर्ष 2023 से वर्ष 2024 के बीच 12% की कमी आई है। वर्ष 2023 में मप्र पुलिस ने ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वाले 12,65,383 वाहनों चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की थी, पर वर्ष 2024 में ये कार्रवाई महज 11,11,483 वाहन चालकों पर की गई।
वर्ष 2023 की तुलना में 2024 में 1,53,960 वाहन चालकों पर कम कार्रवाई की गई।

शाम 6 से रात 9 बजे तक हादसों में मौतें ज्यादा
मप्र में शाम छह से नौ बजे शहरी क्षेत्र में 4,752 हादसों में 860 मौतें। ग्रामीण क्षेत्रों में 7,446 हादसों में 2,681 मौतें।
दोपहर तीन से शाम छह बजे शहरी क्षेत्रों में 4,307 हादसों में 648 मौतें, ग्रामीण क्षेत्रों में 6203 हादसों में 1835 मौतें।
खुले मौसम में सबसे ज्यादा हादसे
- वर्ष 2024 में शहरी क्षेत्रों में 23,960 तो ग्रामीण क्षेत्रों में 32,709 सड़क हादसे हुए।
- खुले मौसम में सबसे अधिक 38,001 सड़क हादसों में 9535, बारिश में 5858 हादसों में 1,715 मौतें।
इधर, एनसीआरबी की 2023 की रिपोर्ट… हादसों में मप्र दूसरे, मौतों में चौथे स्थान पर
- मंगलवार को जारी एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में देशभर में 4,64,029 सड़क हादसे हुए। इनमें 1,73,826 मौतें हुईं। ये सभी आंकड़े 2023 के हैं। तमिलनाडु में सबसे अधिक 67,213 हादसे।
- मप्र 54,763 हादसों के साथ दूसरे नंबर पर है।
- मौतों में यूपी सबसे आगे (23,947), उसके बाद तमिलनाडु (18,374) है। मप्र (14,098) चौथे स्थान पर।
ओवर स्पीडिंग से हादसे और मौतें मप्र में ओवर स्पीडिंग के कारण 32,034 हादसे हुए। जिनमें 7,853 मौतें और 32,853 घायल हुए। ओवरस्पीडिंग के कारण इंदौर में 239, जबलपुर में 97, ग्वालियर में 67 मौतें हुईं। भोपाल के ओवर-स्पीडिंग मामले NCRB में दर्ज नहीं।
