हरदा में रावण के 8 सिर 1 हाथ पूरा नहीं जला।
हरदा में 51 फीट के पुतले को जलाया गया, यह 3 मिनट में जलकर राख हो गया। पुतले के आठ सिर और एक हाथ पूरी तरह से नहीं जल पाए, जिन्हें बाद में नगर पालिका कर्मचारियों ने जलाने का प्रयास किया।
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हरदा के नेहरू स्टेडियम में गुरुवार शाम विजयादशमी पर रावण दहन से पहले भगवान राम और रावण की सेना के बीच एक प्रतीकात्मक युद्ध का मंचन किया। इसमें तलवारें और तीर चलाए गए। अंत में रावण की सेना पराजित हुई, जिसके बाद पुतले का दहन किया गया।
पूर्व मंत्री कमल पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सभी को एकजुट होकर सनातन धर्म की रक्षा के लिए कार्य करना होगा।

नगर पालिका अध्यक्ष भारती कमेडिया ने नागरिकों से बेटियों की रक्षा करने, महिलाओं का सम्मान करने और परिवारों में एकता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर भी जोर दिया।
विधायक डॉ आर के दोगने ने भी शहरवासियों को बुराई से दूर रहने की अपील करते हुए विजयादशमी की शुभकामनाएं दी।
रावण दहन के बाद पूरा आकाश आतिशबाजी से जगमगा उठा। लोगों ने एक-दूसरे को विजयादशमी की बधाई दी और भगवान राम के जयकारे लगाए। नगर पालिका ने इस अवसर पर विभिन्न समाज के अध्यक्षों और रावण के पुतले का निर्माण करने वाले कलाकारों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम में वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार, स्टेडियम में रामायण का संगीतमय पाठ भी हुआ, जिसमें शहर के रामायण प्रेमियों ने भक्तिपूर्ण प्रस्तुति दी।वही शहरवासियों ने एक दूसरे को शमी की पत्तियां सोने चांदी के रूप में प्रदान कर बधाइयां दी वही सारे गिले शिकवे दूर कर एक दूसरे को सहयोग करने का संकल्प लिया।


