MP Politics: गांधी जयंती पर भी नहीं बची एकता! ग्वालियर में बापू की प्रतिमा के सामने हुआ सियासी ड्रामा

MP Politics: गांधी जयंती पर भी नहीं बची एकता! ग्वालियर में बापू की प्रतिमा के सामने हुआ सियासी ड्रामा


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Gandhi Jayanti: 2 अक्टूबर को ग्वालियर में गांधी प्रतिमा के पास बीजेपी और कांग्रेस में झंडों को लेकर विवाद हो गया. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के झंडे हटा दिए, जिससे दोनों पक्षों में तनातनी हो गई.

बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने

Gwalior News: ग्वालियर में गांधी जयंती के दिन एक विवादास्पद घटना सामने आई, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए. यह घटना फूल बाग में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के दौरान हुई. गांधी जयंती के अवसर पर दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता बापू को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे, लेकिन इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए झंडों को उखाड़कर फेंक दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया.

2 अक्टूबर को, गांधी जयंती के दिन, सबसे पहले कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता फूल बाग स्थित गांधी प्रतिमा पर पहुंचे. उन्होंने बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और अपने पार्टी के झंडे लगाए. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि वे गांधी जी के विचारों का सम्मान करते हैं और हर साल इस दिन बापू को श्रद्धांजलि देने आते हैं. उनके झंडे और बैनर प्रतिमा के आसपास सजाए गए थे.

इसके बाद बीजेपी के सांसद, जिला अध्यक्ष और कई कार्यकर्ता भी गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने देखा कि कांग्रेस के झंडे प्रतिमा के पास लगे हैं. इससे नाराज होकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सांसद और जिला अध्यक्ष की मौजूदगी में ही कांग्रेस के झंडों को उखाड़कर फेंक दिया. इस घटना ने दोनों दलों के बीच तनाव पैदा कर दिया. बीजेपी का कहना था कि महात्मा गांधी किसी एक पार्टी के नहीं हैं, बल्कि वे पूरे देश के प्रतीक हैं. इसलिए किसी भी पार्टी का झंडा वहां लगाना उचित नहीं है.

इस घटना ने स्थानीय लोगों और नेताओं के बीच बहस छेड़ दी. कुछ लोगों का मानना है कि गांधी जयंती जैसे अवसर पर राजनीतिक दलों को अपनी पार्टी की पहचान से ऊपर उठकर एकजुटता दिखानी चाहिए. वहीं, कुछ का कहना है कि झंडे हटाने की कार्रवाई अनावश्यक थी और इससे माहौल खराब हुआ. कांग्रेस ने इस घटना की निंदा की और कहा कि बीजेपी ने जानबूझकर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई.

पुलिस ने इस मामले में तनाव को देखते हुए तुरंत हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रित किया. फूल बाग क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई ताकि कोई बड़ा विवाद न हो. इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया कि गांधी जयंती जैसे राष्ट्रीय अवसरों पर राजनीतिक दलों को अपने मतभेद भुलाकर एकता का संदेश देना चाहिए.

स्थानीय लोग इस घटना से निराश हैं. उनका कहना है कि गांधी जी ने हमेशा अहिंसा और एकता की बात की, लेकिन इस तरह की घटनाएं उनके विचारों के खिलाफ हैं. ग्वालियर प्रशासन ने दोनों दलों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे अवसरों पर सभी दल मिलकर बापू के आदर्शों को बढ़ावा देंगे और ऐसी घटनाओं से बचेंगे.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

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