उज्जैन के ग्राम नरसिंगा में चंबल नदी में ट्रैक्टर-ट्रॉली गिरने से दो बच्चों के डूबने से मौत हो गई। दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार गुरुवार शाम को उनके गांव पीरझलार में कर दिया गया। दोनों बच्चों की अर्थी एक साथ उठी तो गांव में चीख-पुकार मच गई।
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करीब 12 लोग माता की मूर्ति विसर्जन करने के लिए चंबल नदी पहुंचे थे। इस दौरान नदी पर खड़े ट्रैक्टर में लगी चाबी किसी ने घुमा दी, जिससे ट्रैक्टर रेलिंग तोड़ता हुआ नदी में जा गिरा। घटना में सही समय पर कुछ लोगों ने नदी में कूदकर 7 की जान बचा ली।
वहीं दो बच्चों की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। दोनों का इंदौर के चोइथराम अस्पताल में इलाज चल रहा है। इधर शुभम का अभी तक पता नहीं चल पाया है और SDERF के रेस्क्यू दल ने रात होते ही रेस्क्यू अभियान रोक दिया है। अब शुक्रवार सुबह से फिर से रेस्क्यू शुरू होगा। गोताखोर विशेष कैमरे, बोट, रस्सी और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ अंडरवॉटर कैमरे से सर्चिंग करेंगे।
प्रतिमा विसर्जन के दौरान पलटी ट्रैक्टर-ट्रॉली, चंबल नदी में गिरे 12 बच्चे
बड़नगर से करीब 10 किलोमीटर दूर ग्राम पीरझलार से मातारानी की प्रतिमा विसर्जन के लिए दोपहर 12 बजे पास के गांव नरसिंगा में चंबल नदी तट पर ले जाई गई थी। ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से 12 बच्चे चंबल नदी में गिर गए। इनमें से 11 बच्चों को स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाला गया, जबकि एक बच्चा लापता है।
हादसा ग्राम नरसिंगा के पास चंबल नदी तट पर देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुआ। मृतकों में पृथ्वीराज पिता दिनेश चौहान (16) और अंश पिता अर्जुन चौहान (8) शामिल हैं। वहीं आदित्य पिता लाखन गुरवाड़िया (10) और वंश पिता अर्जुन चौहान (6) को इंदौर रेफर किया गया।
वहीं शुभम पिता मोहनलाल चौहान नाम का एक बच्चा लापता है, जिसकी तलाश की जा रही है। जानकारी के अनुसार, ट्रैक्टर-ट्रॉली में बैठे पृथ्वीराज चौहान नामक बच्चे ने गलती से चाबी घुमा दी, जिससे ट्रैक्टर स्टार्ट होकर आगे बढ़ गया और चंबल नदी में गिर गया।

ट्रैक्टर ट्रॉली पुल की रेलिंग तोड़कर चंबल नदी में जा गिरा।
पुलिस को पता नहीं, ब्रिज से मूर्ति विसर्जन होगा
बड़ा सवाल यह कि 27 दिन पहले ही उज्जैन की शिप्रा नदी के ब्रिज से कार गिरने की घटना में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी। इतनी बड़ी घटना को एक माह भी नहीं हुआ था कि दूसरी बड़ी घटना घट गई।
दैनिक भास्कर ने घटना की पड़ताल की तो पता चला कि जिस ब्रिज से ट्रैक्टर गिरा है, उस पर से प्रशासन की ओर से देवी प्रतिमा विसर्जन प्रतिबंधित करने की कोई भी सूचना नहीं दी गई थी। बड़ी बात यह कि इंगोरिया थाने की सूची में मूर्ति विसर्जन को लेकर लगाए जाने वाले पुलिस इंतजाम में ब्रिज का नाम तक शामिल नहीं किया गया था। अगर ब्रिज पर सुबह से पुलिसकर्मी मौजूद होते तो शायद ट्रैक्टर को ब्रिज पर खड़ा नहीं होने देते और इतनी बड़ी घटना को टाला जा सकता था।

शोर सुनकर स्थानीय लोग भी पहुंचे और नदी में कूदकर लोगों को बचाया।
ग्रामीण बोले-हर साल यहां विसर्जन होता है, फिर भी नहीं हुए सुरक्षा इंतजाम
घटना के तुरंत बाद प्रशासन की ओर से एक छोटा-सा पंपलेट ब्रिज पर चिपका दिया गया। जिसमें लिखा था कि ब्रिज से प्रतिमा विसर्जन करना प्रतिबंधित है। लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन मिलकर पहले से इस क्षेत्र को प्रतिबंधित कर देते तो आज बड़ी घटना को रोका जा सकता था।
ग्रामीणों ने बताया कि हर साल इस जगह पर आसपास के अन्य गांवों के लोग भी माता की प्रतिमा विसर्जन करने आते हैं। इसके बाद भी सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए। गुरुवार सुबह से ही पीरझलार, दौलतपुर, तलावली, नरसिंगा सहित अन्य गांवों के लोग मूर्तियों को विसर्जन करने के लिए आ रहे थे। घटना के बाद यहां से मूर्ति विसर्जन बंद कर दिया गया।

लोगों ने घायल बच्चों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया। यहां दो बच्चों की मौत हो गई।
एडीएम और एसडीएम ने कहा- ट्रैक्टर लेकर कहीं जा रहे थे, मूर्ति विसर्जन नहीं किया
एडीएम अतेंद्र गुर्जर से जब पूछा गया कि ये लोग ब्रिज पर क्या करने आए थे तो उन्होंने बताया कि बच्चे अपनी फैमिली के साथ आए थे। फैमिली इन्हें छोड़कर चली गई और किसी ने ट्रैक्टर की चाबी घुमा दी, जिससे 12 लोग ट्रैक्टर सहित नदी में गिर गए।
एसडीएम धीरेंद्र पराशर ने कहा कि ब्रिज से मूर्ति विसर्जन नहीं हो रहा था, ये लोग कहीं से लौट रहे थे। इस बीच ब्रिज पर ट्रैक्टर खड़ा करके चालक उतर गया, जिसके बाद किसी बच्चे ने चाबी घुमा दी। इसके कारण हादसा हुआ। ब्रिज नदी से करीब 30 फीट ऊंचा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

हादसे के वक्त इसमें 12 बच्चे सवार थे। सूचना मिलते ही लोगों की भीड़ लग गई।
लापता बच्चे के पिता ने कहा- मूर्ति विसर्जन करने आए थे
लापता बच्चे शुभम के पिता मोहनलाल उर्फ भूरा चौहान ने बताया कि हर साल इसी ब्रिज से मूर्तियों का विसर्जन होता है। आज हम माताजी खमाने (विसर्जन करने) आए थे। नदी पर ट्रैक्टर रखकर दूसरी ओर गए और सबने नदी में विसर्जन किया। हमने बच्चों से कहा-जाओ और ट्रैक्टर-ट्रॉली पर बैठो। सभी ट्रॉली में बैठ गए थे। तभी किसी बच्चे ने चाबी घुमा दी और ट्रैक्टर स्टार्ट होकर नदी में गिर गया।
हादसे से पहले की 4 तस्वीरें देखिए…

12 बच्चे ट्रैक्टर-ट्रॉली से चंबल नदी के नरसिंहा पुल पर पहुंचे थे।

बच्चे ट्रॉली में ढोल-नगाड़े बजाते उत्साह के साथ जा रहे थे।

ट्रैक्टर के पुल पर पहुंचने के बाद बच्चों ने करतब भी दिखाए थे।

विधि-विधान से माता का विसर्जन किया और नदी में नहाने लगे।