जनता ने सरकारी मेडिकल कॉलेज के समर्थन में हस्ताक्षर किए।
कटनी में स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा की सुलभता को लेकर जोरदार आंदोलन शुरू हो गया है। स्थानीय नागरिक, छात्र-युवा और सामाजिक संगठन निजी मेडिकल कॉलेज और पीपीपी मॉडल के खिलाफ मुखर होकर 100% सरकारी मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहे हैं। लोकतांत्रिक समाजवादी पार्
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सरकार की ओर से जिले में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर निजी मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा के बाद स्थानीय लोग, सामाजिक संगठन और छात्र-युवा समूह इसका विरोध कर रहे हैं। वे पूरी तरह से सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना की मांग कर रहे हैं।
कटनी एक बड़ा व्यापारिक और औद्योगिक केंद्र है। यहां के निवासियों का तर्क है कि जिले को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं की सख्त आवश्यकता है, जिसे केवल एक सरकारी मेडिकल कॉलेज ही पूरा कर सकता है। उनका मानना है कि सरकारी संस्थान में गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को कम खर्च में उच्च गुणवत्ता का इलाज मिल सकेगा।
शहर के प्रमुख चौराहों पर लोगों ने सरकारी मेडिकल कॉलेज के समर्थन में हस्ताक्षर किए।
निजी मेडिकल कॉलेज का किया जा रहा विरोध
इसके अतिरिक्त, सरकारी कॉलेज स्थानीय युवाओं को सस्ती दरों पर चिकित्सा शिक्षा भी प्रदान करेगा। विरोध की मुख्य वजह निजी मेडिकल कॉलेज की संभावित ऊंची फीस है। लोगों का कहना है कि निजी हाथों में जाने पर फीस अत्यधिक ऊंची होगी, जिससे आम नागरिक और गरीब छात्र-छात्राएं इसके लाभ से वंचित रह जाएंगे।
उनका तर्क है कि एक निजी संस्थान का प्राथमिक उद्देश्य मुनाफा कमाना होता है, जबकि सरकारी संस्थान का लक्ष्य जनसेवा होता है। कटनी के लोग स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मूलभूत अधिकारों को निजी पूंजी के हवाले करने के पक्ष में नहीं हैं।
जनता और छात्र-युवा सरकारी कॉलेज की मांग में जुटे
इस मांग को मुखर करने के लिए लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बिंदेश्वरी पटेल के नेतृत्व में एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया है। कई सामाजिक संगठन और छात्र-युवा समूह इस अभियान में शामिल हैं। शहर के प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि कटनी की जनता पीपीपी मॉडल के बजाय 100% सरकारी मेडिकल कॉलेज चाहती है।