छिंदवाड़ा जिले में पिछले 30 दिनों में किडनी फेलियर के कारण 9 बच्चों की जान जा चुकी है। बुधवार को परासिया की एक और बच्ची ने नागपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद से जिलेभर में दहशत का माहौल है।
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स्क्रीनिंग अभियान तेज, 4600 से ज्यादा की जांच
परासिया एसडीएम शुभम यादव ने बताया कि अब तक 9 बच्चों की मौत हो चुकी है। लगातार हो रही मौतों से स्वास्थ्य अमला सकते में है। बच्चों में किसी भी संक्रमण की पहचान के लिए जिले में विशेष स्क्रीनिंग अभियान चलाया जा रहा है।
एसडीएम यादव के अनुसार, जिले में अब तक 4,658 बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 4,411 बच्चों की रिपोर्ट मिल चुकी है और प्रतिदिन औसतन 120 बच्चों की जांच जारी है।
बीमारी का कारण अज्ञात, पानी की गुणवत्ता पर संदेह
स्वास्थ्य विभाग अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि बच्चों की मौत की असली वजह क्या है। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि पीने के पानी की गुणवत्ता इस रहस्यमयी बीमारी का कारण हो सकती है।
इस संबंध में प्रभावित क्षेत्रों से पानी के सैंपल लेकर नागपुर और भोपाल की लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। साथ ही, विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार बीमार बच्चों की निगरानी कर रही है।
इलाके में भय का माहौल, अभिभावक चिंतित
लगातार हो रही मौतों के बाद स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। अभिभावक बच्चों की सेहत को लेकर बेहद चिंतित हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर बच्चों को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। विभाग का कहना है कि जल्द ही बीमारी के असली कारण का पता लगाकर स्थिति पर नियंत्रण पा लिया जाएगा।
30 दिनों में इन बच्चों की गई जान
- शिवम राठौड़ (4) – सालनिवासी बाग बर्गिया, परासिया
- अदनान खान (5) – न्यूटन चिकली, परासिया
- उसेद खान (4) – निवासी परासिया
- ऋषिका पिपरे (5) – ग्राम सेठिया, परासिया
- हितांश सोनी (4) – ग्राम उमरेड, परासिया
- श्रेया यादव (2) – नगर परासिया
- विकास यदुवंशी – ग्राम दीघावानी, परासिया
- विधि – निवासी परासिया
- संध्या (1) – खजरी अंतू उमरेड, परासिया